नई दिल्ली। भारत और अमेरिका इस हफ्ते एक मुख्य साजो-सामान समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले हैं, जो दोनों सेनाओं को एक-दूसरे की चीजों और आधार का इस्तेमाल करने तथा आपूर्ति करने में सक्षम बनाएगा।
पिछले 8 महीनों में दूसरी बार अमेरिका के लिए रवाना हुए रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर अपने अमेरिकी समकक्ष रक्षामंत्री एश्टन कार्टर से मिलेंगे और जेट इंजन प्रौद्योगिकी तथा मानवरहित विमानों (यूएवी) पर बात करेंगे।
पर्रिकर के सोमवार को कार्टर से मिलने का कार्यक्रम है जिसके बाद वे लांगले स्थित अमेरिकी वायुसेना ठिकाने जाएंगे। इसके अलावा वे फिलाडेल्फिया स्थित बोइंग प्रतिष्ठान भी जाएंगे। इस यात्रा से 'लॉजिस्टिक एक्सचेंज मेमोरेंडम एग्रीमेंट' (एलईएमओए) पर हस्ताक्षर का मार्ग प्रशस्त होगा। इस साल अप्रैल में कार्टर की यात्रा के दौरान इस समझौते की घोषणा हुई थी।
यह कदम दोनों देशों को एक-दूसरे के ठिकानों का इस्तेमाल करने और आपूर्ति तथा ईंधन भरने की इजाजत देगा, हालांकि इससे एक-दूसरे के ठिकानों पर सैनिकों की तैनाती की इजाजत नहीं मिलेगी। (भाषा)