नई दिल्ली। सरकार ने मंगलवार को संसद में कहा कि उसका पूरा प्रयास है कि किसानों को यूरिया सहित विभिन्न उर्वरक पर्याप्त मात्रा में तथा सही कीमत पर मिले एवं इसके लिए वह सब्सिडी का पूरा भार उठा रही है।
रसायन एवं उवर्रक मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत में यूरिया की कुल खपत 325 लाख मीट्रिक टन जबकि यहां घरेलू उत्पादन 250 लाख टन है और शेष 75 लाख मीट्रिक टन विदेशों से मंगाया जाता है।
उन्होंने कहा कि विदेशों में इसकी कीमत करीब 4000 रुपए प्रति बोरी है जबकि भारत में इसकी कीमत करीब 266 रुपए है तथा सरकार इस पर करीब 3700 रुपए सब्सिडी दे रही है।
मांडविया ने डीएपी उर्वरक का जिक्र करते हुए कहा कि इस पर प्रति बोरी 2650 रुपए प्रति बोरी सब्सिडी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का पूरा प्रयास है कि कीमतों में वृद्धि का भार किसानों पर नहीं पड़े इसलिए वह सब्सिडी का पूरा भार उठा रही है।
प्रश्नकाल में ही रसायन एवं उवर्रक राज्य मंत्री भगवंत खुबा ने कहा कि केंद्र सभी राज्यों का एक ही दर पर उर्वरक मुहैया कराता है और कीमतों को लेकर राज्यों के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाता।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार पूरे देश के किसानों के हितों की चिंता करती है और वह सही कीमत पर तथा पर्याप्त मात्रा उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत रही है।
उन्होंने कहा कि भारत में यूरिया की कीमत प्रति बोरी 266.70 रुपए है जबकि पाकिस्तान में 800 रुपए, इंडोनेशिया में 600 रुपए, चीन में 2100 रुपए, बांग्लादेश में 719 रुपए, अमेरिका में 3060 रुपए तथा ब्राजील में 3600 रुपए है।