नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंत्रिपरिषद के 36 नए चेहरों में 8 वकील, 4 डॉक्टर, 2 पूर्व आईएएस अधिकारी और 4 एमबीए डिग्री धारक और कई इंजीनियर हैं। नए मंत्रिपरिषद को देखने से लगता है कि क्षेत्रीय और सामुदायिक आकांक्षाओं को साधने के अलावा, उच्च योग्यता वाले सदस्यों और राज्यों में प्रशासनिक अनुभव रखने वाले लोगों को शामिल कर कार्यकाल के बीच में सरकार को मजबूती प्रदान करने के प्रयास पर ध्यान दिया गया है।
अश्विनी वैष्णव, जिन्हें संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी के अलावा रेल मंत्रालय का प्रभार दिया गया है, 1994 बैच के पूर्व आईएएस अधिकारी हैं। 50 वर्षीय राज्यसभा सांसद ने व्हार्टन स्कूल, पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी से एमबीए और आईआईटी कानपुर से एमटेक किया है।
अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने 15 वर्षों से अधिक समय तक महत्वूपूर्ण जिम्मेदारियों को संभाला और विशेष रूप से वह बुनियादी ढांचे में पीपीपी मॉडल में अपने योगदान के लिए जाने जाते हैं। प्रबंधन कौशल वाले नए चेहरों में कांग्रेस के पूर्व नेता और अब भाजपा के राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य एम सिंधिया शामिल हैं, जिनका सांसद के रूप में यह पांचवां कार्यकाल है।
उन्हें नागरिक उड्डयन मंत्रालय आवंटित किया गया है, जो कभी उनके पिता माधवराव सिंधिया के पास था।
उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से बीए किया है। कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करने वाले राज्यसभा सदस्य राजीव चंद्रशेखर ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम के साथ इलिनोइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर साइंस में एमटेक किया है।
एक अन्य आईएएस अधिकारी जिन्हें इस मंत्रिपरिषद में जगह दी गई है, वह हैं बिहार के राज्यसभा सदस्य रामचंद्र प्रसाद सिंह, जिनका सांसद के रूप में दूसरा कार्यकाल है। वह देश के नए इस्पात मंत्री बने हैं। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र, सिंह 1984 बैच के एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं, जिन्होंने विभिन्न पदों पर रहते हुए कई क्षेत्रों में 25 वर्षों से अधिक सेवा दी है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संबंध में एमए किया है।
कर्नाटक के बीदर से लोकसभा सांसद भगवंत खुबा के पास मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री है। मोदी की मंत्रिपरिषद में हृदय रोग विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ, सर्जन और सामान्य चिकित्सक भी हैं। चिकित्सा के कई क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखने वाले एक और डॉक्टर, भागवत किशनराव कराड महाराष्ट्र से राज्यसभा सदस्य हैं। वह औरंगाबाद में डॉ. कराड मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर चलाते हैं और उनके पास एमबीबीएस, एमएस (जनरल सर्जरी), एमसीएच (पीडियाट्रिक सर्जरी), और एफसीपीएस (जनरल सर्जरी) की डिग्री हैं।
गुजरात में कार्डियोलॉजिस्ट और मेडिसिन के प्रोफेसर के रूप में तीन दशक के लंबे करियर वाले सुरेंद्र नगर से लोकसभा सांसद मुंजापारा महेंद्रभाई पहली बार सांसद के रूप में मोदी की मंत्रिपरिषद में शामिल हुए। वह जनरल मेडिसिन एंड थेरेप्यूटिक्स में एमडी हैं। महाराष्ट्र के डिंडोरी से पहली बार सांसद बनीं भारती प्रवीण पवार राजनीति में आने से पहले एक चिकित्सक थीं।
उन्होंने एनडीएमवीपीएस मेडिकल कॉलेज, नासिक से सर्जरी में एमबीबीएस की डिग्री हासिल की है। मंत्रिपरिषद के नए सदस्यों में से आठ के पास एलएलबी डिग्री है। इनमें नई दिल्ली से लोकसभा सांसद मीनाक्षी लेखी भी शामिल हैं, जो अभी उच्चतम न्यायालय में वकील के तौर पर प्रैक्टिस कर रही हैं।
इनके अलावा, असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, भाजपा तमिलनाडु के प्रमुख एल मुरुगन, राज्यसभा सदस्य भूपेंद्र यादव ने भी एलएलबी की है। नैनीताल से पहली बार सांसद बने अजय भट्ट, सांसद सत्यपाल सिंह बघेल और भानु प्रताप सिंह वर्मा के पास भी एलएलबी की डिग्री है।(भाषा)