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NSE Scam: कई लोग हो सकते हैं चित्रा रामकृष्‍ण के 'हिमायलन मिस्‍टीरियस योगी'

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, सोमवार, 21 फ़रवरी 2022 (12:22 IST)
किसी हिमालयन रहस्‍यमयी बाबा को जानकारी देने के आरोप झेल रहीं स्‍टॉक एक्‍सचेंज (Stock Exchange) एनएसई (NSE) की पूर्व एमडी और सीईओ (MD & CEO) चित्रा रामकृष्‍ण के बारे में एक और चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही है।

मीडि‍या रिपोर्ट्स की माने तो चित्रा रामकृष्‍ण एक नहीं कई रहस्‍यमयी योगी हो सकते हैं। हर कोई उनके इन रहस्‍यमयी बाबाओं के बारे में जानना चाहता है।   

आपको बता दें कि बाजार नियामक सेबी (SEBI) भी अभी तक इस ‘सिद्धपुरुष’ का कोई पता नहीं लगा सकी है, जिसे चित्रा गोपनीय जानकारियां भेजतीं थी।

रिपोर्ट की माने तो सेबी के हाथ एक ईमेल आईडी [email protected] लगी थी, जिस पर चित्रा की ओर से गोपनीय जानकारियां भेजी जाती थी। ऐसे में अभी तक हुई जांच के आधार पर कई लोगों की तरफ मिस्‍टीरियस योगी होने का इशारा मिलता है।

इनमें से एक नाम जिसकी चर्चा हो रही है, वो है आनंद सुब्रमण्‍यम। बता दें कि चित्रा रामकृष्‍ण के सलाहकार और NSE के पूर्व सीओओ आनंद सुब्रमण्‍यम बिना योग्‍यता कई अधिकार रखते थे।

इतना ही नहीं, आनंद को भारी-भरकम सैलरी के साथ कई सुविधाएं मुहैया कराने के लिए सीधे हिमालय वाले बाबा की तरफ से निर्देश दिए जाते थे। कई ईमेल में तो आनंद को भी सीसी रखा जाता था।

दोनों को ज्‍योतिष विज्ञान में खास रुचि भी थी। लिहाजा इसकी संभावना बढ़ जाती है कि आनंद ही बाबा के रूप में चित्रा को निर्देश देते थे।

सूत्रों का कहना है कि इस कथित योगी का न तो हिमालय से कोई संबंध है और न ही यह कोई बाबा है। ऐसी संभावना है कि ये वित्‍त मंत्रालय का कोई ब्‍यूरोक्रेट था, जिसका चित्रा रामकृष्‍ण का करियर चमकाने में बड़ा हाथ है। सेबी ने भी योगी के ईमेल पर हुई बातचीत से पता लगाया है कि इस व्‍यक्ति को NSE पर कामकाज के तरीके और अधिकारियों की हेरारकी को लेकर पूरी जानकारी थी।

आनंद बाहर का आदमी था और उसे NSE की इतनी डिटेल नहीं पता थी। ऐसे में ये संभावना ज्‍यादा दिखती है कि कथित बाबा मंत्रालय से जुड़ा कोई आदमी था।

सीबीआई जांच में होंगे खुलासे
मामले से जुड़े उच्‍च पदस्‍थ सूत्रों का कहना है कि अगर इसकी छानबीन की जिम्‍मेदारी सीबीआई को सौंपी जाती है, तो ही कुछ  खुलने की संभावना है! वरना अभी तक सेबी ने NSE को ही आरोपी बनाकर उस पर जुर्माना लगा दिया है। ऐसे में कोई हकीकत सामने आएगी, इसकी संभावना बेहद कम है।

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