Maratha Reservation Movement : महाराष्ट्र के जालना जिले में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन हिंसक होने तथा कुछ पुलिसकर्मियों एवं अन्य के घायल होने के बाद शनिवार की स्थिति नियंत्रण में है और पुलिस ने 360 से अधिक लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। शनिवार को आंदोलनकारी अपनी मांग पर अड़े रहे और कहा कि जब तक सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण नहीं दे देती तब तक वे आंदोलन जारी रखेंगे।
पुलिस ने हिंसा में कथित तौर पर संलिप्त 16 लोगों की पहचान कर ली है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। पुलिस ने शुक्रवार को औरंगाबाद से लगभग 75 किलोमीटर दूर अंबाद तहसील में धुले-सोलापुर रोड पर अंतरवाली सारथी गांव में हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े थे।
अधिकारियों ने बताया कि मनोज जारांगे के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी मंगलवार से ही गांव में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल कर रहे थे। उन्होंने बताया कि स्थिति तब बिगड़ी जब डॉक्टरों की सलाह पर पुलिस ने जारांगे को अस्पताल में भर्ती कराने की कोशिश की।
पुलिस ने बताया कि आंदोलन हिंसक हो गया क्योंकि कुछ लोगों ने राज्य परिवहन की बसों और निजी वाहनों को निशाना बनाया। ग्रामीणों का दावा है कि पुलिस ने हवा में कुछ राउंड फायरिंग की, लेकिन अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है। शनिवार को आंदोलनकारी अपनी मांग पर अड़े रहे और कहा कि जब तक सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण नहीं दे देती तब तक वे आंदोलन जारी रखेंगे। उन्होंने अपने शांतिपूर्ण आंदोलन के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठाया और पूछा कि उन्होंने हवा में गोलियां क्यों चलाईं और प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज क्यों किया?
पुलिस के मुताबिक, हिंसा में करीब 40 पुलिसकर्मी और कुछ अन्य लोग घायल हुए हैं। उसने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने राज्य परिवहन की कम से कम 15 बसों और कुछ निजी वाहनों को आग के हवाले कर दिया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, जालना के गोंडी पुलिस थाने में 16 आंदोलनकारियों, जिनकी पहचान कर ली गई है, और लगभग 350 अन्य लोगों के खिलाफ शुक्रवार को हुई हिंसा के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
उन्होंने बताया कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 333 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य से रोकने के लिए जानबूझकर गंभीर चोट पहुंचाना), 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) और अन्य सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। अधिकारी ने बताया कि पुलिसकर्मी और राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) की एक कंपनी गांव में तैनात की गई है।
जालना के पुलिस अधीक्षक (एसपी) तुषार दोशी ने बताया, कल की हिंसा में लगभग 40 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए प्लास्टिक की गोलियों और आंसू के गोले का इस्तेमाल किया। अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है और स्थिति अब नियंत्रण में है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को शांति की अपील की और घोषणा की कि हिंसा की उच्चस्तरीय जांच के लिए एक समिति गठित की जाएगी, जबकि उपमुख्यमंत्री एवं राज्य के गृह विभाग भी संभाल रहे देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि पथराव के कारण पुलिस को लाठीचार्ज करने के लिए मजबूर होना पड़ा। राज्य सरकार ने राजनीतिक रूप से प्रभावशाली मराठा समुदाय के लिए आरक्षण का प्रावधान किया था, जिसे उच्चतम न्यायालय ने रद्द कर दिया था।
अंतरवाली सारथी गांव में शनिवार सुबह जारांगे ने कहा, भूख हड़ताल समाप्त नहीं की जाएगी। हमारी बहनें और पूरा गांव शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहा है। मुख्यमंत्री ने मराठा आरक्षण पर एक समिति बनाई है, लेकिन उसने रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है और इसलिए हम आंदोलन कर रहे हैं।
जारांगे ने हाथ में कारतूस दिखाते हुए कहा, ये गोलियां चलीं और हम पर अमानवीय तरीके से लाठियां बरसाई गईं। महिलाओं को भी पीटा गया। क्या हम पाकिस्तानी हैं या उस देश में हमारे रिश्तेदार हैं? उन्होंने गोली क्यों चलाई? हम तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक कि हमें आरक्षण नहीं मिल जाता, (मुख्यमंत्री) शिंदे जितनी चाहे गोलियां चला लें।
छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज एवं पूर्व सांसद संभाजी छत्रपति ने शनिवार सुबह अंतरवाली सारथी गांव का दौरा किया। इस बीच, एक अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार शनिवार को दोपहर के बाद अंतरवाली सारथी गांव का दौरा करेंगे।
उन्होंने बताया कि पवार औरंगाबाद पहुंचेंगे और फिर गांव जाएंगे। वह अंबाद में उप-जिला अस्पताल और एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भी दौरा करेंगे। हिंसा और बसों में आगजनी की घटना के मद्देनजर महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) ने फिलहाल संभाग में केवल चुनिंदा मार्गों पर बसें चलाने का फैसला किया है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)