rajasthan news in hindi : राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के एक गांव में 21 वर्षीय एक आदिवासी महिला को कथित तौर पर निर्वस्त्र कर घुमाने के मामले में पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और 4 अन्य को हिरासत में लिया है। घटना सामने आने के बाद गहलोत सरकार सवालों के घेरे में आ गई है। पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। धरियावद के थाना प्रभारी पेशावर खान ने कहा था कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि महिला किसी अन्य पुरुष के साथ रिश्ते में थी।
ये होंगे एसआईटी में : प्रतापगढ़ के धरियावद थाना क्षेत्र के एक गांव में महिला को निर्वस्त्र कर घुमाने के मामले की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध) दिनेश एमएन की निगरानी में पांच सदस्यीय एसआईटी (विशेष जांच दल) गठित की गई है, जिसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसआईयूसीएडब्ल्यू प्रतापगढ़ ऋषिकेश मीणा, सीओ धरियावद धनफूल मीणा, सीओ मावली उदयपुर कैलाश कुंवर, धरियावद थानाधिकारी पेशावर खान और महिला कांस्टेबल साइबर थाना प्रतापगढ़ पूजा शामिल हैं।
प्रतापगढ़ जिले के पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने बताया कि मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है ओर चार अन्य को हिरासत में लिया गया है।
पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने कहा कि एसआईटी घटना के सभी पहलुओं की जांच कर रिपोर्ट राज्य सरकार और पुलिस मुख्यालय को सौंपेगी तथा तकनीकी एवं वैज्ञानिक रूप से साक्ष्य जुटाकर प्रकरण का समयबद्ध निस्तारण करेगी।
वीडियो हुआ था वायरल : मिश्रा ने बताया कि धरियावद थाना क्षेत्र के एक गांव में विवाहिता को वैवाहिक विवाद के चलते उसके ससुराल वालों द्वारा निर्वस्त्र कर घुमाने का वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद धरियावद थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), स्त्री अशिष्ट रूप प्रतिषेध अधिनियम व सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज घटना की जांच शुरू कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक दिनेश एमएन, संभागीय आयुक्त धरियावद, आईजी बांसवाड़ा रेंज एस परिमला, कलेक्टर इंद्रजीत यादव, एसपी अमित कुमार मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया।
30 टीमों का गठन : मिश्रा के अनुसार, आरोपियों को नामजद कर उनकी गिरफ्तारी के लिए सीओ आशीष कुमार, श्योराज मल मीणा और धनफूल मीणा के नेतृत्व में 30 टीमों का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि गठित टीमों ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए उनके सभी संभावित स्थानों पर दबिश दी।
12 घंटे के आरोपी गिरफ्त में : अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए 12 घंटे के अंदर मुख्य आरोपी कान्हा गमेती के अलावा नाथू, वेणिया और एक नाबालिग को हिरासत में ले लिया, जबकि सात आरोपियों-पिंटू, खेतिया, मोती लाल, पुनिया, केसरा, सूरज तथा नेतिया को गिरफ्तार किया।
मिश्रा ने बताया कि इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित करने वालों के खिलाफ भी विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। राजस्थान राज्य मानवाधिकारी आयोग ने प्रतापगढ़ जिला पुलिस अधीक्षक को पीड़िता को तुरंत आर्थिक सहायता मुहैया कराने और मामले की गहन जांच करने का निर्देश दिया है।
आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गोपाल कृष्ण व्यास ने पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया है कि वह प्रतिकर नीति 2011 के तहत क्षतिपूर्ति देने के लिए पीड़िता का प्रकरण जिला विधिक सहायत समिति, प्रतापगढ़ को प्रेषित करें, जिससे उसे तुरंत आर्थिक सहायता प्राप्त हो सके। उन्होंने मामले की जांच कर 14 सितंबर तक रिपोर्ट पेश करने को भी कहा है।
इससे पहले, पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने एक बयान में कहा था कि प्राथमिकी में छेड़छाड़, महिला की पिटाई और अन्य संबंधित धाराओं के तहत 10 लोगों को नामित किया गया है, जिनमें से मुख्य आरोपी समेत आठ को हिरासत में लिया गया है।
आरोपी पति का टूटा पैर : मीडिया खबरों के मुताबिक मुख्य आरोपी कान्हा गमेती का पुलिस से बचने के दौरान पैर टूट गया। पुलिस को आता देख आरोपी भाग रहा था, इसी दौरान उसका पैर टूट गया।
मिश्रा ने बताया था कि पीड़िता ने अपने पति कान्हा गमेती के अलावा सूरज, बेनिया, नेतिया, नाथू और महेंद्र के खिलाफ जबरन मोटरसाइकिल पर ले जाने और गांव में निर्वस्त्र कर घुमाने का मामला दर्ज कराया है।
बयान में गया था कि मुख्य आरोपी कान्हा, नेतिया, बेनिया, पिंटू और एक नाबालिग के अलावा अपराध के प्रत्यक्षदर्शी पुनिया, खेतिया और मोतीलाल को हिरासत में लिया गया है।”
पुलिस ने बताया था कि भागने की कोशिश में कान्हा, नेतिया और बेनिया घायल हो गए और उनका इलाज प्रतापगढ़ जिला अस्पताल में किया जा रहा है।
बयान के अनुसार, “बाकी आरोपियों की तलाश जारी है। इलाके में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया गया है।”
क्या थी पूरी घटना : पुलिस ने बताया कि महिला के ससुराल वाले उसे अगवा कर अपने गांव ले गए, जहां गुरुवार को यह घटना घटी। उसने बताया कि पीड़िता के ससुराल वाले उससे नाराज थे, क्योंकि वह दूसरे पुरुष के साथ रह रही थी।
पुलिस के अनुसार, आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छह टीमें गठित की गई हैं और प्रतापगढ़ के पुलिस अधीक्षक अमित कुमार गांव में डेरा डाले हुए हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने एडीजी (अपराध) दिनेश एमएन को शुक्रवार रात प्रतापगढ़ भेजा।
पीड़िता से मिले गहलोत : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को प्रतापगढ़ के धरियावद पहुंचकर दुर्व्यवहार के मामले में पीड़ित महिला एवं उसके परिवार से मुलाकात की।
उन्होंने कहा कि सभ्य समाज में इस तरह की घटनाओं तथा उनमें लिप्त अपराधियों का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसी अमानवीय घटनाओं की एक स्वर में निंदा होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन अपराधियों को त्वरित अदालत में मुकदमा चलाकर कड़ी से कड़ी सजा दिलवाई जाएगी।
इस दौरान गहलोत ने पीड़ित महिला को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता तथा सरकारी नौकरी देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के विरूद्ध अपराधों की रोकथाम उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि प्रतापगढ़ घटना में पीहर और ससुराल के आपसी पारिवारिक विवाद में ससुराल पक्ष के लोगों का कृत्य घोर निंदनीय है।
राजे ने लगाए आरोप : पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आरोप लगाया कि एक गर्भवती महिला को निर्वस्त्र कर लोगों के सामने घुमाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था, लेकिन प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं थी।
उन्होंने लोगों से उक्त वीडियो साझा न करने की अपील करते हुए कहा कि इस घटना ने राजस्थान को शर्मसार किया है। इनपुट भाषा Edited by: Sudhir Sharma