कुपवाड़ा। जम्मू और कश्मीर स्थित सुंजवान सैन्य शिविर पर हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए अशरफ मीर के जनाजे में उमड़े जन सैलाब में पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगे। शहीद जवान कश्मीर घाटी के कुपवाड़ा कस्बे के मैदानपोरा के रहने वाले थे। कुपवाड़ा कस्बे के बटपोरा इलाक़े में ही ऊंची पहाड़ी पर बसे शहीद हबीबुल्लाह क़ुरैशी का घर है।
हबीबुल्लाह और मोहम्मद अशरफ़ चार दिन पहले जम्मू में एक चरमपंथी हमले में मारे गए थे। इस हमले में मारे गए सेना के सभी जवान भारत प्रशासित कश्मीर के हैं। अशरफ़ सेना में जूनियर कमीशंड अफ़सर थे और हबीबुल्लाह हवलदार थे।
अशरफ मीर का जब शव लाया गया तो उनके गांव में भारी मातम और रोष देखा गया। मीर के जनाजे में हजारों की संख्या में लोग उमड़े और उन्होंने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। मोहम्मद अशरफ़ के बुढ़े पिता ग़ुलाम मोहिउद्दीन मीर ने अपने बेटे को कंधा दिया।
अशरफ़ की बहन शहज़ादा और मां लैला को दिलासा देने आईं महिलाएं उन्हें चुप कराने की नाकाम कोशिशें करती हैं। मोहम्मद अशरफ़ दो बेटों और एक बेटी के पिता थे। उनके दूसरे भाई भी भारतीय सेना में ही हैं। वहीं उनका सबसे छोटा भाई किसी से बात करने के लिए तैयार नहीं है। आक्रोश उसके चेहरे पर साफ़ दिखता है।
गौरतलब है कि जम्मू और कश्मीर स्थित सुंजवान सैन्य शिविर में तलाशी के दौरान एक और जवान का शव बरामद होने के बाद जम्मू में हुए आतंकवादी हमले के मृतकों की संख्या बढ़कर सात हो गई है। सेना ने मंगलवार को कहा कि छठे जवान का शव सोमवार शाम को तलाशी अभियान के दौरान बरामद हुआ। वहीं अब मृतकों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है। सुरक्षाबलों ने इस एनकाउंटर में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकवादी मार गिराए थे।