मुंबई। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने सोमवार को कहा कि कर्नाटक की नव निर्वाचित कांग्रेस सरकार को आर्थिक पिछड़ेपन पर आधारित मुसलमानों का आरक्षण बहाल करना चाहिए, जिसे बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की पिछली सरकार ने खत्म कर दिया था।
कर्नाटक की पिछली भाजपा सरकार ने इस साल मार्च में मुसलमानों का चार प्रतिशत आरक्षण खत्म कर दिया था। सरकार के इस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है। मदनी ने यहां आजाद मैदान में जमीयत उलमा-ए-हिंद की तीन दिवसीय बैठक के अंतिम दिन कहा, कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस के कड़े रुख और बजरंग दल व ऐसे ही अन्य संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का वादा सराहनीय है।
अब समय आ गया है कि कांग्रेस अपने चुनावी वादे को पूरा करते हुए आर्थिक पिछड़ेपन के आधार पर मुसलमानों को दिए गए आरक्षण को बहाल करे। उन्होंने कहा कि कर्नाटक चुनाव के परिणाम बताते हैं कि राज्य के लोगों ने नफरत के एजेंडे को खारिज कर दिया है।
मदनी ने कहा कि अगर कांग्रेस ने 75 साल पहले सांप्रदायिकता के खिलाफ इतना कड़ा रुख अपनाया होता तो वह (केंद्र में) सत्ता से बेदखल नहीं होती। मदनी ने कहा कि (1948 में) गांधीजी की हत्या के बाद अगर उस समय सांप्रदायिकता को कुचल दिया गया होता तो देश को बर्बाद होने से बचाया जा सकता था।
विहिप ने बजरंग दल पर टिप्पणी को लेकर मदनी की आलोचना की : विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने बजरंग दल पर टिप्पणी को लेकर सोमवार को जमीयत उलेमा-ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी की आलोचना की और कहा कि उन्हें अपने आचरण पर गौर करना चाहिए।
मदनी ने कथित तौर पर रविवार को कहा था कि कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के अपने घोषणा पत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात की थी, लेकिन यदि पार्टी ने 70 साल पहले ऐसा निर्णय लिया होता तो देश बर्बाद नहीं हुआ होता।
जमीयत उलेमा-ए हिंद के अध्यक्ष ने कथित तौर पर यह भी कहा था कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में कर्नाटक में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव करके अपनी गलती सुधारी है। मदनी की टिप्पणी को 'विडंबना' करार देते हुए विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि 70 साल पहले बजरंग दल का गठन भी नहीं हुआ था।
उन्होंने कहा कि बजरंग दल पर 1992 में तत्कालीन सरकार द्वारा प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन एक न्यायाधिकरण ने यह कहते हुए निर्णय को रद्द कर दिया था कि संगठन पर प्रतिबंध लगाने के लिए कोई आधार नहीं है। बजरंग दल विहिप की युवा शाखा है।
कुमार ने कहा, यदि गलती दोहराई गई तो परिणाम आज भी वही होगा। कुमार ने कहा कि मदनी को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए और अपने आचरण पर गौर करना चाहिए। कुमार ने कहा, मदनी को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए और अपने स्वयं के आचरण और देवबंद से जुड़े लोगों के आचरण को भी देखना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि देवबंदी विचारधारा मुसलमानों के कुछ वर्गों को हिंसा में लिप्त होने के लिए उकसा रही है।
उन्होंने कहा, अब समय आ गया है कि नागरिक संस्थाएं और सरकारें, विशेषकर लोकतांत्रिक देशों की सरकारें इस पर ध्यान दें और जिहादी विचारधारा का विरोध करने और उसे परास्त करने के लिए खड़ी हों।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)