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मोदी का सेना की तारीफ न करना दुख की बात : मायावती

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लखनऊ , बुधवार, 12 अक्टूबर 2016 (14:24 IST)
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मंगलवार को लखनऊ में दशहरा उत्सव में शामिल होने को राजनीति तथा चुनावी स्वार्थ से प्रेरित कदम बताते हुए बुधवार को कहा कि मोदी का अपने भाषण में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादियों के शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक करने पर सेना की तारीफ में एक शब्द भी नहीं कहना बड़े दुख की बात है।
 
मायावती ने यहां जारी एक बयान में कहा कि अगर प्रधानमंत्री मोदी सर्जिकल स्ट्राइक के लिए सुनियोजित तौर पर दूसरों से अपनी प्रशंसा करवाते रहने का शौक पालने के बजाय प्रतिपक्षी पार्टियों की तरह ही उस सेना की प्रशंसा करते तो बेहतर था जिसने नियंत्रण रेखा के उस पार जाकर पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों को तबाह किया।
 
उन्होंने कहा कि मोदी ऐशबाग रामलीला में शामिल होकर जो राजनीतिक व चुनावी संदेश देना चाहते थे, वह रामलीला मैदान के आस-पास लगे बड़े-बड़े पोस्टर, बैनर और होर्डिंग में सर्जिकल स्ट्राइक की सफलता के लिए सेना के बजाय उन्हें श्रेय देने की इबारतों से जाहिर था। यह गलत है और पार्टी की गलत नीयत को दर्शाता है।
 
मायावती ने प्रधानमंत्री के 'युद्ध से बुद्ध' की तरफ जाने संबंधी बयान पर कहा कि युद्ध से बुद्ध के रास्तों पर जाने के बजाय बेहतर होगा कि अपना देश और पूरी दुनिया बुद्ध के रास्तों पर चलने का वास्तविक प्रयास करे ताकि फिर युद्ध करने की जरूरत ही ना पड़े।
 
उन्होंने मोदी के संदेश पर तंज करते हुए कहा कि सामाजिक बुराइयों से लड़ने के लिए सूखे उपदेश नहीं बल्कि सरकारों की दृढ़ इच्छाशक्ति की जरूरत है, जो कि खासकर भाजपा की सरकारों के पास नहीं है।
 
मायावती ने कहा कि मोदी देश में व्याप्त जातिवाद तथा अन्य बुराइयों के खात्मे के लिए आए दिन केवल किस्म-किस्म की जुमलेबाजी करते रहते हैं, लेकिन काम चलने वाला नहीं है बल्कि इसके लिए बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर द्वारा बताए हुए रास्तों पर सही नीयत और नीति के साथ काम करना होगा।
 
उन्होंने कहा कि इस मामले में खासकर जातिवादी शोषण व उत्पीड़न को रोकने के लिए केंद्र तथा राज्य सरकारों को भरपूर सरकारी शक्ति का भी प्रदर्शन करना होगा। साथ ही लोगों को कानून का सम्मान करने की जबर्दस्त सीख देनी होगी। (भाषा) 
 

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