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'अग्निपथ’ पर बवाल, मायावती के निशाने पर मोदी सरकार

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, गुरुवार, 16 जून 2022 (12:06 IST)
लखनऊ। सेना की नई भर्ती योजना अग्निपथ पर जारी बवाल थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। बिहार समेत कई राज्यों में केंद्र सरकार के इस रिक्रूटमेंट प्लान का विरोध हो रहा है। कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल भी इस योजना का विरोध कर रहे हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी 'अग्निपथ’ को लेकर सरकार पर निशाना साधा है।
 
मायावती ने सिलेसिलेवार किए ट्वीट में कहा, 'सेना में काफी लम्बे समय तक भर्ती लम्बित रखने के बाद अब केन्द्र ने सेना में 4 वर्ष अल्पावधि वाली ‘अग्निवीर’ नई भर्ती योजना शुरू की है, उसको लुभावना व लाभकारी बताने के बावजूद देश का युवा वर्ग असंतुष्ट एवं आक्रोशित है। वे सेना भर्ती व्यवस्था को बदलने का खुलकर विरोध कर रहे हैं।'
 
उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि सेना व सरकारी नौकरी में पेंशन लाभ आदि को समाप्त करने के लिए ही सरकार सेना में जवानों की भर्ती की संख्या में कमी के साथ-साथ इसे मात्र चार साल के लिए सीमित कर रही है, जो घोर अनुचित तथा गरीब व ग्रामीण युवाओं, उनके परिवार के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।'
 
बसपा नेता ने कहा कि देश में लोग पहले ही बढ़ती गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी तथा सरकार की गलत नीतियों व अहंकारी कार्यशैली आदि से दुःखी व त्रस्त हैं, ऐसे में सेना में नई भर्ती को लेकर युवा वर्ग में फैली बेचैनी अब निराशा उत्पन्न कर रही है। सरकार तुरन्त अपने फैसले पर पुनर्विचार करे, यही बसपा की मांग है।
 
अखिलेश भी नाराज : सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सैन्य बलों में भर्ती की नई योजना 'अग्निपथ’ को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह देश और देश के युवाओं के भविष्य के लिए घातक साबित होगी।
 
यादव ने ट्वीट किया, 'देश की सुरक्षा कोई अल्पकालिक या अनौपचारिक विषय नहीं है, ये अति गंभीर व दीर्घकालिक नीति की अपेक्षा करती है। सैन्य भर्ती को लेकर जो ख़ानापूर्ति करने वाला लापरवाही भरा रवैया अपनाया जा रहा है, वह देश और देश के युवाओं के भविष्य की रक्षा के लिए घातक साबित होगा। अग्निपथ से पथ पर अग्नि न हो।
 
केंद्र ने मंगलवार को 17.5 साल से 21 साल तक के युवाओं को चार साल का सैन्य प्रशिक्षण देने वाली ‘अग्निपथ’ योजना की शुरुआत की थी। योजना के माध्यम से सेना में जाने वालों को अग्निवीर कहा जाएगा। गृह मंत्रालय समेत और मंत्रालयों और राज्य सरकारों ने नौकरियों में अग्निवीरों को प्राथमिकता देने का वादा किया है।

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