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कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते भारत लौटे मेडिकल ग्रेजुएट्स को FMG ने दी छूट

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हमें फॉलो करें कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते भारत लौटे मेडिकल ग्रेजुएट्स को FMG ने दी छूट
, शुक्रवार, 29 जुलाई 2022 (16:23 IST)
नई दिल्ली। कोरोनावायरस और रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते भारत लौटे फाइनल ईयर के छात्रों, जिन्हें अपने संस्थानों से 30 जून 2022 या उससे पहले डिग्री प्राप्त हुई है, को 'फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट' (FMG) परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
 
आयोग ने एक सार्वजनिक नोटिस में कहा कि एफएमजी परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद छात्रों को एक साल की बजाय दो साल की 'Compulsory Rotating Medical Internship' (CRMI) करनी होगी।
 
FMG ने कहा कि विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट्स, दो साल CRMI पूरा करने के बाद ही पंजीकरण के लिए योग्य माने जाएंगे। आयोग ने कहा कि इन छात्रों को एक बार यह छूट दी गई है और भविष्य में ऐसा नहीं किया जाएगा।
 
नोटिस में कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय के 29 अप्रैल के आदेश के अनुसार, सूचित किया जाता है कि जो भारतीय छात्र अपने स्नातक चिकित्सकीय पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष में थे (जिन्हें कोविड-19, रूस-यूक्रेन युद्ध आदि के चलते विदेशी चिकित्सा संस्थान छोड़ना पड़ा था) और जिन्हें बाद में अपने संस्थान से पाठ्यक्रम पूरा करने का प्रमाण पत्र 30 जून 2022 या उसके पहले मिल चुका है, उन्हें एफएमजी परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी।
आयोग ने कहा है कि FMG परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, ऐसे विदेशी चिकित्सा स्नातकों को क्लिनिकल प्रशिक्षण के लिए दो साल तक सीआरएमआई करना होगा।

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