भगोड़े कारोबारी और 13000 करोड़ की धोखाधड़ी के आरोपी मेहुल चोकसी को एंटीगुआ की अदालत से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि मेहुल को बिना इजाजत एंटीगुआ से उसे नहीं हटाया जा सकता। ऐसे में अगर केंद्रीय एजेंसियां चोकसी को भारत लाना चाहती है तो उसे कोर्ट की इजाजत लेनी होगी।
मेहुल चोकसी ने कोर्ट में दावा किया कि उसके खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए थे, लेकिन अटॉर्नी जनरल और पुलिस प्रमुख (एंटीगुआ) की तरफ से सभी जांच कर ली गई है। कोर्ट ने कहा कि चोकसी अपने दावे में सही हैं कि उनके साथ अमानवीय या अपमानजनक व्यवहार किया जा सकता है।
मेहुल चोकसी ने राहत की मांग करते हुए 23 मई 2021 की एक घटना का जिक्र किया और कोर्ट से उसे जबरन हटाए जाने की कोशिश मामले में जांच की मांग की।
उल्लेखनीय है कि मार्च 2023 में पंजाब नेशनल बैंक में 13,000 करोड़ रुपए के घोटाले में वांछित भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी का नाम इंटरपोल के रेड नोटिस से हटा दिया गया था। फ्रांस के लियोन शहर स्थित इंटरपोल के मुख्यालय में चोकसी द्वारा दायर याचिका के आधार पर यह कदम उठाया गया है। इंटरपोल के रेड नोटिस की वजह से ही चोकसी को 192 सदस्य देशों में भगोड़ा घोषित कर दिया गया था। नोटिस वापस लेने के बाद वह पुरी दुनिया में यात्रा कर सकेगा।