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अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में डबल मौसमी सिस्टम, भारी बारिश की चेतावनी

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अवनीश कुमार

लखनऊ , रविवार, 13 अक्टूबर 2024 (21:17 IST)
Weather Update News : भारत एक बार फिर मौसम की दोहरी मार झेलने के लिए तैयार है। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के ऊपर दो अलग-अलग मौसम प्रणालियां विकसित हो रही हैं। स्काईमेट वेदर ने लक्षद्वीप और दक्षिण पूर्व अरब सागर के ऊपर कम दबाव के क्षेत्र के बनने को लेकर अलर्ट जारी किया है। यह प्रणाली अगले 3-4 दिनों में यानी 14 अक्टूबर तक मध्य अरब सागर के ऊपर एक दबाव प्रणाली में तब्दील होने की उम्मीद है। यह जानकारी सीएसए के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने दी है।
 
मौसम वैज्ञानिक की मानें तो दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उससे सटे श्रीलंका पर एक और चक्रवाती परिसंचरण बन रहा है। यह प्रणाली 14 अक्टूबर तक निम्न दबाव क्षेत्र में विकसित हो सकती है। इसके बाद यह क्षेत्र पूर्वी भारत के तटीय क्षेत्रों की ओर बढ़ेगा और 16 अक्टूबर के आसपास आंध्र प्रदेश में लैंडफॉल करने की संभावना है। इसके चलते यह प्रणाली दक्षिणी प्रायद्वीप को पार करते हुए 18 अक्टूबर तक दक्षिण कोंकण और गोवा के तटों पर भी असर डाल सकती है।
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अरब सागर के सिस्टम से प्रभावित क्षेत्र : इन मौसम प्रणालियों का विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण असर देखने को मिल सकता है। अरब सागर के ऊपर विकसित हो रही प्रणाली के कारण केरल, लक्षद्वीप और तटीय कर्नाटक के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना है। अगले 2-3 दिनों में कोंकण और गोवा में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इस दौरान गुजरात के दक्षिणी जिलों में भी हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है, हालांकि यह प्रणाली तट से दूर उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है।
 
बंगाल की खाड़ी के सिस्टम का असर : दूसरी ओर दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में बन रही निम्न दबाव प्रणाली तमिलनाडु, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटीय हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा ला सकती है। 15 अक्टूबर के आसपास तटीय आंध्र प्रदेश, तटीय तमिलनाडु, तेलंगाना और दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक में बारिश की गतिविधि तेज होने की संभावना है। इसके बाद 16 और 17 अक्टूबर के बीच बारिश बेल्ट तेलंगाना, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और दक्षिण महाराष्ट्र की ओर शिफ्ट हो सकती है।
 
चक्रवात बनने की संभावना कम : हालांकि इन मौसम प्रणालियों के चक्रवात में बदलने की संभावना कम दिख रही है। फिर भी जिन तटीय राज्यों और क्षेत्रों का इन प्रणालियों के रास्ते में आना संभव है, उन्हें सतर्क रहने और आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। मौसम विशेषज्ञों की टीम मौसम की स्थिति पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं और समय-समय पर आवश्यकतानुसार अपडेट प्रदान करेगी।
 
मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने कहा कि आने वाले दिनों में भारत के विभिन्न हिस्सों में भारी वर्षा की संभावना बनी हुई है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है। लोगों से अपील की गई है कि वे मौसम की स्थिति के प्रति सजग रहें और जरूरी उपाय करें।

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