कोलकाता। देश की सबसे पुरानी कोलकाता मेट्रो ने बुधवार को पहली बार हुगली नदी के अंदर 520 मीटर नीचे सुरंग में दौड़कर इतिहास रच दिया। ट्रेन के इस सफल परीक्षण में केवल अधिकारी और इंजीनियर सवार थे। इस मेट्रो का परिचालन लोकसभा चुनाव 2024 से पहले आम जनता के लिए शुरू हो सकता है। यह भारत में पहली बार हुआ है, जबकि दुनियाभर में दुर्लभ है।
खबरों के अनुसार, देश में पहली बार एक नदी के अंदर सुरंग में मेट्रो के रेक ने ट्रेन दौड़ाकर एक और कारनामा कर दिखाया, जब मध्य कोलकाता में एस्प्लेनेड को प्रतिष्ठित हावड़ा स्टेशन से जोड़ने वाले मार्ग में हुगली नदी के पानी के 520 मीटर नीचे सुरंग के जरिए एक सफल परीक्षण किया गया।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां यह जानकारी दी। मेट्रो की इस ट्रेन में केवल अधिकारी और इंजीनियर सवार थे। यह हुगली के नीचे से होती हुई कोलकाता से हावड़ा पहुंची। मेट्रो के GM उदय कुमार रेड्डी ने कहा कि उम्मीद है कि नदी के नीचे बनी सुरंग में मेट्रो का परिचालन लोकसभा चुनाव 2024 से पहले आम जनता के लिए शुरू हो सकता है।
इससे पहले इस तरह की मेट्रो देश में कहीं नहीं है। इस मेट्रो में सफर करना वास्तव में बेहद रोमांचित कर देने वाला होगा। हावड़ा से एस्प्लेनेड तक का मार्ग लगभग 4.8 किमी लंबा है, जिसमें से 520 मीटर हुगली नदी के नीचे सुरंग के जरिए होगा।
सुरंग पानी की सतह के स्तर से 32 मीटर नीचे है। इस सुरंग की पूरी लंबाई 10. 8 किमी अंडरग्राउंड है। अधिकारी ने कहा कि भूमिगत खंड के 4.8 किलोमीटर हिस्से पर परीक्षण जल्द ही शुरू होगा। इस खंड के चालू हो जाने के बाद हावड़ा मैदान देश का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन बन जाएगा।
नदी के नीचे मेट्रो के लिए 2 सुरंगे बनाई गई हैं। यह ईस्ट-वेस्ट मेट्रो का प्रमुख आकर्षण है। यात्रियों के लिए यह अलग अनुभव होगा, क्योंकि वे 1 मिनट से भी कम समय में लगभग आधा किलोमीटर तक पानी के नीचे से गुजरेंगे।फोटो सौजन्य : सोशल मीडिया
Edited By : Chetan Gour