नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की सहायक कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड ('आरआरवीएल') ने मेट्रो कैश एंड कैरी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ('मेट्रो इंडिया') में 100% इक्विटी हिस्सेदारी खरीदने के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए। 2,850 करोड़ रुपए मूल्य का यह सौदा समापन समायोजन के अधीन है। कंपनी भारत में 2003 से काम कर रही है। लगभग 3,500 कर्मचारियों वाली यह कंपनी 21 शहरों में 31 बड़े प्रारूप वाले स्टोर चलाती है।
देश में कैश-एंड-कैरी बिजनेस फॉर्मेट पेश करने वाली मेट्रो-इंडिया पहली कंपनी थी। कंपनी भारत में 2003 से काम कर रही है। लगभग 3,500 कर्मचारियों वाली यह कंपनी 21 शहरों में 31 बड़े प्रारूप वाले स्टोर चलाती है। भारत में मल्टी-चैनल B2B कैश एंड कैरी होलसेलर बिजनेस की पहुंच करीब 30 लाख ग्राहकों तक है जिनमें से 10 लाख ग्राहक अपने स्टोर नेटवर्क और eB2B ऐप के माध्यम से सक्रिय तौर पर खरीदारी करते हैं।
वित्तीय वर्ष 2021-22 (सितंबर 2022 को समाप्त वित्तीय वर्ष) में मेट्रो इंडिया ने 7,700 करोड़ रुपए (€ 926 मिलियन) की बिक्री की, जो भारत में उसका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इस अधिग्रहण के माध्यम से रिलायंस रिटेल को बड़े शहरों में प्रमुख स्थानों पर स्थित मेट्रो इंडिया स्टोर्स का एक विस्तृत नेटवर्क मिलेगा जिससे रिलायंस रिटेल की बाजार में उपस्थिति मजबूत होगी। साथ ही पंजीकृत किराना और अन्य संस्थागत ग्राहकों का एक बड़ा आधार और एक बेहद मजबूत सप्लायर नेटवर्क भी मिलेगा।
इस निवेश के बारे में बात करते हुए रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड की निदेशक ईशा अंबानी ने कहा कि मेट्रो इंडिया का अधिग्रहण छोटे व्यापारियों और उद्यमों के साथ सक्रिय सहयोग के माध्यम से साझा समृद्धि का एक अनूठा मॉडल बनाने की हमारी नई वाणिज्य रणनीति के अनुरूप है।
मेट्रो इंडिया भारतीय बी2बी बाजार में अग्रणी और प्रमुख खिलाड़ी है और इसने एक ठोस मल्टी-चैनल प्लेटफॉर्म बनाया है। हमारा मानना है कि भारतीय व्यापारी और किराना ईको सिस्टम की हमारी समझ और मेट्रो इंडिया की नए स्टोर्स मिलकर छोटे व्यवसायों के लिए वरदान साबित होंगे।
मेट्रो एजी के सीईओ डॉ. स्टीफेन ग्रेबेल ने कहा कि हमें विश्वास है कि रिलायंस के रूप में हमें एक उपयुक्त भागीदार मिला है। भविष्य में मेट्रो इंडिया का सफलतापूर्वक नेतृत्व करने के लिए रिलायंस सक्षम है। इससे हमारे ग्राहकों और हमारे कर्मचारियों दोनों को फायदा होगा। लेन-देन कुछ विनियामक और अन्य प्रथागत समापन शर्तों के अधीन है और मार्च 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta