मानसा। मशहूर पंजाबी गायक और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला को मंगलवार को उनके पैतृक गांव मूसा में अंतिम विदाई दी गई। उनके पिता ने मुखाग्नि देकर उनका अंतिम संस्कार किया। दूर-दूर के गांवों से आए प्रशंसकों ने नम आंखों से उन्हें विदाई दी। इस दौरान 'सिद्धू मूसेवाला अमर रहे' के नारे भी लगाए गए। मूसे वाला की रविवार शाम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
सिद्धू मूसेवाला की मौत ने उनके करीबियों और फैंस को बहुत बड़ा झटका दिया है। 28 साल की छोटी सी आयु में इतना बड़ा मुकाम हासिल करके मूसेवाला ने अपने प्रशंसकों के दिलों में एक अलग जगह बनाई थी।
अंतिम संस्कार के पहले सिद्धू मूसेवाला को लाल पगड़ी पहनाई गई। पूरी यात्रा के दौरान सिद्धू मूसेवाला के माता-पिता उनके शव के साथ उपस्थित थे, उनके पिता अपनी पगड़ी उतारकर रोते हुए न्याय की भीख मांगते नजर आए। मूसेवाला का अंतिम संस्कार शमशान घाट की बजाय उनकी पैतृक जमीन पर किया गया।
बताया जा रहा है कि इसी साल अक्टूबर में मूसेवाला की शादी होने वाली थी। जिस लड़की से विवाह तय हुआ था, वो भी अपने परिवार के साथ सिद्धू मूसेवाला को अंतिम विदाई देने उनके घर पंहुची थी।
सिद्धू मूसेवाला की अंतिम यात्रा उनके फेवरेट ट्रेक्टर 5911 में निकाली गई, जिसे आपने कई बार उनके गानों और सोशल मीडिया पोस्ट्स पर देखा होगा। इस पूरे वाहन को फूलों से सजाया गया था। मूसेवाला को बंदूकों से बड़े लगाव था। उनके गाने की लिरिक्स में उन्होंने कई बार बंदूकों का जिक्र भी किया है। इसी कारण उनकी गाड़ी के आगे एके-47 बंदूक की तस्वीर भी लगाई गई थी।
यात्रा के दौरान उनके लाखों प्रशंसकों की भीड़ सड़कों पर उतर आई और 'सिद्धू मूसेवाला अमर रहे' के नारे लगाने लगी। उन्हें चाहने वालों का कहना है कि मूसेवाला का कत्ल करने वालों को कड़ी सजा होनी चाहिए। अनुमान लगाया जा रहा है कि सिद्धू मूसेवाला के अंतिम संस्कार में 1 लाख से ज्यादा लोग आए थे।