Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

महिला और बाल विकास मंत्रालय हमेशा से तीन तलाक के विरोध में

हमें फॉलो करें महिला और बाल विकास मंत्रालय हमेशा से तीन तलाक के विरोध में
नई दिल्ली , रविवार, 17 दिसंबर 2017 (14:38 IST)
नई दिल्ली। महिला और बाल विकास मंत्रालय ने उस खबर का खंडन किया है कि उसने गत दिनों मंत्रिमंडल की बैठक में तीन तलाक के खिलाफ नए विधेयक का यह कहकर विरोध किया था कि इसके लिए अलग से कानून लाए जाने की आवश्यकता नहीं है।
 
मंत्रालय द्वारा यहां जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि एक अंग्रेजी दैनिक में रविवार को प्रकाशित वह खबर तथ्यात्मक रूप से गलत, भ्रामक और शरारतपूर्ण है कि मंत्रालय ने नए कानून के औचित्य पर सवाल उठाया है। मंत्रालय ने कहा है कि वह हमेशा से तीन लताक का विरोधी रहा है, ऐसे में इसके लिए लाए जा रहे नए कानून पर उसके द्वारा सवाल उठाए जाने से संबंधित खबर पूरी तरह से गलत है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में तीन तलाक को दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखे जाने से संबधित विधेयक को मंजूरी दे दी थी।
 
मंत्रालय की ओर से यह स्पष्टीकरण अंग्रेजी दैनिक में छपी उस खबर पर आया है जिसमें कहा गया है कि मंत्रालय ने सरकार द्वारा तीन तलाक पर नया कानून लाए जाने पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि जब तीन तलाक भारतीय दंड संहिता की धारा 498 के तहत पहले से ही महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की श्रेणी में आता है, तो ऐसे में इसके लिए अलग से कानून लाने की क्या आवश्यकता है?
 
मंत्रालय के अनुसार वह हमेशा से ही तीन तलाक के खिलाफ रहा है और इस मामले में उच्चतम न्यायालय में एक प्रतिवादी रह चुका है तथा मुस्लिम महिलाओं को सामाजिक और कानूनी तौर पर सशक्त बनाने के हक में रहा है तथा ऐसे में अखबार में उसे लेकर छापी गई खबर तीन तलाक के बारे में कहीं से भी मंत्रालय के दृष्टिकोण को नहीं दर्शाती। ऐसी खबर छापे जाने के पहले अखबार को मंत्रालय से संपर्क कर सच्चाई जान लेनी चाहिए थी। बिना सोचे-समझे ऐसी खबरें छापे जाने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। (वार्ता)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

रायबरेली का विशेष ख्याल रखेंगे राहुल गांधी