नई दिल्ली, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आजीविका अवसरों से जुड़े टिकाऊ स्टार्ट-अप्स को भारत के भविष्य की अर्थव्यवस्था की कुंजी बताया है।
डॉ. सिंह ने कहा कि सतत् लक्ष्यों की तरह टिकाऊ स्टार्ट-अप्स पर भी जोर देने की आवश्यकता है। उन्होंने यह बात गोवा में आयोजित भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान उत्सव (आईआईएसएफ)-2021के दौरान के दौरान कही है।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने नवोन्मेषी स्टार्ट-अप तंत्र के माध्यम से कृषि, डेयरी, पशुपालन, स्वास्थ्य, शिक्षा, फार्मा, लॉजिस्टिक्स एवं अपशिष्ट प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में आजीविका के वैकल्पिक स्रोतों का सृजन करने के लिए आह्वान किया है।
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के साथ लोगों के जीवन को सरल बनाते हुए स्टार्ट-अप्स न केवल श्रेणी-3 एवं श्रेणी-4 के बाजारों में फल-फूल रहे हैं, बल्कि रोजगार के व्यापक अवसरों का सृजन करते हुए ग्रामीण लोगों तथा ग्राहकों के जीवन को भी प्रभावित कर रहे हैं।
चार दिवसीय आईआईएसएफ-2021 की विषयवस्तु 'समृद्ध भारत के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार में रचनात्मकता का उत्सव' है। 10-13 दिसंबर 2021 तक चलने वाले आईआईएसएफ के सभी कार्यक्रम भारत सरकार के 'आजादी का अमृत महोत्सव' की भावना और विचार को प्रतिबिंबित करते हैं, जिसका उद्देश्य वर्ष 2022 में भारतीय स्वतंत्रता के 75 गौरवशाली वर्षों को चिह्नित करना है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, भारत अपनी स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का समारोह मना रहा है और यह अगले 25 वर्षों के लिए वैज्ञानिक प्रगति की रूपरेखा तैयार करने का समय है, जब भारत अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी वर्षगांठ मनाएगा। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी वक्तव्य में यह जानकारी प्रदान की गई है
आईआईएसएफ-2021 के कुछ मुख्य कार्यक्रमों में साइंस विलेज, पारंपरिक शिल्पकारों तथा कारीगरों का समागम, खेल एवं खिलौने, वैश्विक भारतीय वैज्ञानिक एवं टेक्नोक्रेट्स फेस्ट, ईसीओ-फेस्ट, न्यू एज टेक्नोलॉजी और मेगा साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी प्रदर्शनी शामिल हैं।
डॉ जितेंद्र सिंह ने युवाओं को वर्ष 2024-25 तक भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए नवोन्मेषी स्टार्ट-अप्स के माध्यम से नेतृत्व करने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वैज्ञानिक उपलब्धियों के नये आयाम स्थापित हुए हैं। डॉ. सिंह ने कहा, युवाओं को आलोचनात्मक सोच के लिए प्रेरित करने के लिए भारत के हर शहर और गांव में विज्ञान महोत्सव मनाये जाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि विज्ञान महोत्सव का मुख्य उद्देश्य लोगों में नवोन्मेषी भावना जागृत करना और किफायती प्रौद्योगिकी विकसित करना है, जो आम लोगों के लिए उपयोगी हो।
डॉ. सिंह ने कहा, आईआईएसएफ का उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी की उन्नति के माध्यम से ग्रामीण भारत के लिए प्रभावी कार्यनीति का निर्माण भी है।
उन्होंने बताया कि आईआईएसएफ ज्ञान और विचारों के आदान-प्रदान के लिए छात्रों, वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों को एक मंच प्रदान करता है। उन्होंने कहा, विज्ञान का यह महोत्सव पिछले सात वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा आरंभ किए गए 'स्वच्छ भारत अभियान', स्वस्थ भारत अभियान 'मेक इन इंडिया', 'डिजिटल इंडिया', 'स्मार्ट विलेज', 'स्मार्ट सिटीज' 'नमामि गंगे', 'उन्नत भारत अभियान' जैसे प्रमुख कार्यक्रमों का समर्थन भी करता है।
केंद्रीय आयुष और बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीय पर्यटन और बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग राज्य मंत्री श्रीपद नाइक, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, मध्य प्रदेश सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओम प्रकाश सकलेचा, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन, विज्ञान भारती के अध्यक्ष डॉ विजय भटकर और कई वरिष्ठ वैज्ञानिक तथा अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
आईआईएसएफ का मुख्य उद्देश्य भारत और दुनिया भर में लोगों के साथ मिलकर विज्ञान का उत्सव मनाना है। आईआईएसएफ का आयोजन विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और विज्ञान भारती (विभा) द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है।
पहली बार आईआईएसएफ का आयोजन वर्ष 2015 में किया गया था और तब से इसका आयोजन हर वर्ष किया जा रहा है। (इंडिया साइंस वायर)