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मोदी सख्त, मांगी भाजपा सांसदों की बैंक डिटेल...

हमें फॉलो करें मोदी सख्त, मांगी भाजपा सांसदों की बैंक डिटेल...
नई दिल्ली , मंगलवार, 29 नवंबर 2016 (11:32 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को भाजपा के सभी सांसदों, विधायकों से कहा कि वे 8 नवंबर से 31 दिसंबर के बीच अपने बैंक खातों के लेन-देन का ब्यौरा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को सौंप दें। प्रधानमंत्री ने 8 नवंबर को बड़े नोटों को अमान्य करने के फैसले की घोषणा की थी।
मोदी ने ये निर्देश भाजपा संसदीय दल की बैठक में दिया। विपक्षी दल यह आरोप लगाते रहे हैं कि नोटबंदी के निर्णय को घोषणा से पहले भाजपा के कुछ नेताओं और करीबियों को चुनिंदा तरीके से लीक किया गया।
 
प्रधानमंत्री ने भाजपा संसदीय दल की बैठक में कहा कि आयकर संशोधन विधेयक कालेधन को सफेद करने के लिए नहीं बल्कि गरीबों से लूटे गए धन का उपयोग उनके कल्याण के लिए करने के लिए हैं। सोमवार को लोकसभा में पेश किए गए आयकर संशोधन विधेयक के बारे में यह आरोप लगाये जा रहे हैं कि यह कालेधन को सफेद करने में मदद करेगा।

मोदी ने कहा कि संशोधित कानून लोक कल्याण मार्ग से गरीबों के कल्याण के कार्यक्रम के लिए हैं। मोदी का हवाला देते हुए संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि यह विधेयक कालेधन के खिलाफ सरकार की जंग का हिस्सा है।
 
गरीब कल्याण योजना का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार इस योजना के तहत गरीबों को बुनियादी सुविधाओं की आपूर्ति करने, स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा, पेयजल आदि मुहैया कराने के लिए धन का उपयोग करेगी। मोदी ने कहा कि सरकार भारत को नकदविहीन समाज बनाने के लिए प्रत्यनशील है। उन्होंने डिजिटल, मोबाइल अर्थव्यवस्था बनाने के उनके प्रयासों को सभी से समर्थन देने का आग्रह किया।
 
संसदीय दल की बैठक में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी सांसदों से कहा कि वे अपने अपने क्षेत्र के पंचायतों, नगर पालिकाओं एवं अन्य स्थानीय निकायों के कारोबारियों को नकदविहीन लेन-देन अपनाने को प्रेरित करें।
 
संसद में नोटबंदी को लेकर जारी गतिरोध के बारे में पूछे जाने पर अनंत कुमार ने कहा कि सरकार शीतकालीन सत्र के पहले दिन से ही चर्चा को तैयार है और अगर विपक्ष चहेगा तो प्रधानमंत्री दोनों सदनों में चर्चा में हस्तक्षेप को तैयार हैं।
 
लोकसभा में विपक्ष मतविभाजन के प्रावधान वाले नियम 56 के तहत चर्चा कराने की मांग कर रहा है जबकि सरकार को यह स्वीकार नहीं है और वह नियम 193 के तहत चर्चा पर जोर दे रही है। (भाषा) 
 

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