नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर की जनता से शांति बनाए रखने की अपील की ताकि हिंसा प्रभावित घाटी में हालात सामान्य हो सकें। उन्होंने उम्मीद जताई कि किसी निर्दोष व्यक्ति को परेशानी या नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा।
कश्मीर घाटी के हालात की समीक्षा के लिए मोदी की अध्यक्षता में आज यहां एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। तीन दिन पहले शीर्ष आतंकवादी बुरहान वानी की मौत के बाद से राज्य में हिंसक प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है जिनमें 24 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बैठक में मोदी ने राज्य के हालात पर चिंता जाहिर की।
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने बैठक के बाद कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर की जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है ताकि वहां के हालात को सामान्य किया जा सके। उन्होंने उम्मीद जताई है कि किसी भी निर्दोष व्यक्ति को कोई परेशानी और नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। उन्होंने अमरनाथ यात्रा के बहाल होने पर भी संतोष जाहिर किया और कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकार की हरसंभव मदद करेगी।
सिंह ने कहा कि मोदी ने जम्मू-कश्मीर में हालात पर चिंता जाहिर की, दिशा-निर्देश दिए और शांति की अपील की।
मोदी के चार अफ्रीकी देशों की यात्रा से लौटने के कुछ ही घंटों बाद यह बैठक आयोजित की गई थी। प्रधानमंत्री को घाटी के घटनाक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई, जहां शुक्रवार को वानी की मौत के बाद से हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं।
बैठक में गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरूण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल और विदेश सचिव एस जयशंकर सहित अन्य लोगों ने शिरकत की।
सिंह ने बताया कि विदेश यात्रा के दौरान भी प्रधानमंत्री जम्मू-कश्मीर के हालात का जायजा ले रहे थे। इसे लेकर वे इतने चिंतित थे कि उन्होंने यात्रा से लौटने के कुछ ही घंटों के भीतर बैठक बुलाई और हालात पर जानकारी ली। इससे पहले पर्रिकर, जेटली और डोवाल ने हालात पर बात की। डोवाल प्रधानमंत्री के साथ दक्षिण अफ्रीका की यात्रा पर गए थे, पर उनसे एक दिन पहले ही वापस लौट आए।
मंत्रियों को केन्द्रीय सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों ने घाटी में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी।
तमाम बलों से अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और सीमा के इर्द गिर्द सतर्कता बढ़ाने को कहा गया है ताकि हालात का फायदा उठाकर किसी तरह की ताजा घुसपैठ पर अंकुश लगाया जा सके।
पर्रिकर ने संवाददाताओं को बताया था कि गृह मंत्रालय कश्मीर के सुरक्षा हालात का जायजा लेगा और किसी भी इलाके में बलों की संख्या बढ़ाने जैसी किसी भी तरह की सहायता के लिए सेना तैयार है। (भाषा)