नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को 71वें स्वाधीनता दिवस के अवसर पर लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि गोलियों या गालियों से कश्मीर मुद्दे का हल नहीं हो सकता और प्रत्येक कश्मीरी को गले लगाकर ही इसका समाधान हो सकता है।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार कश्मीर की खोयी हुई गरिमा और ‘‘धरती पर स्वर्ग’’ का उसका गौरव बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मोदी ने चौथी बार लालकिले से अपने संबोधन में कहा कि न गाली से समस्या सुलझने वाली है, न गोली से। समस्या सुलझेगी, हर कश्मीरी को गले लगाने से। उन्होंने कहा कि चंद अलगाववादी राज्य में समस्याएं पैदा करने के लिए विभिन्न चालें चलते हैं। उन्होंने दावा किया कि आतंकवाद के प्रति कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।
उन्होंने दावा किया कि सरकार कश्मीर को फिर से स्वर्ग बनाने के लिए संकल्पबद्ध है।
मोदी ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों के विकास के सपने को पूरा करने में मदद के लिए जम्मू कश्मीर सरकार ही नहीं बल्कि पूरा देश उनके साथ है।
प्रधानमंत्री ने करीब एक घंटे तक चले संबोधन में कहा कि आस्था के नाम पर हिंसा को स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने जातिवाद एवं सांप्रदायिकता को जहर बताया।
उत्तर प्रदेश के एक सरकारी अस्पताल में बच्चों की मौत एवं देश के विभिन्न भागों में प्राकृतिक आपदाओं की घटनाओं का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे देश की संवेदनाएं प्रभावित लोगों के साथ हैं।
मोदी ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों ने हाल में प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया। बच्चों की अस्पताल में मौत हो गयी। पूरा देश उनके साथ है। प्राकृतिक आपदाओं को एक बड़ी चुनौती करार देते हुए उन्होंने कहा कि अच्छी वर्षा देश की समृद्धि में योगदान देती है जबकि मौसम बदलाव से समस्याएं खड़ी होती हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक प्राथमिकता है तथा देश हर क्षेत्र में अपनी रक्षा करने में सक्षम है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत किसी भी मोर्चे जल, थल अथवा साइबर आकाश में चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है। उन्होंने डोकलाम में चीन के साथ तनातनी की पृष्ठभूमि में यह बात कही। (भाषा)