Monsoon may return in September: भारत में वर्ष 1901 के बाद से अगस्त में सबसे कम वर्षा दर्ज किए जाने के बाद दक्षिण-पश्चिम मानसून सप्ताहांत पर फिर से सक्रिय हो सकता है और देश के मध्य व दक्षिणी राज्यों में बारिश ला सकता है।
डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि सितंबर में सामान्य वर्षा होने की संभावना है। महापात्र ने हालांकि कहा कि अगर सितंबर में ज्यादा बारिश होती भी है तो भी जून से सितंबर के सत्र के दौरान दर्ज की गई औसत वर्षा मौसम की सामान्य वर्षा से कम रहने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि अगस्त में वर्षा की कमी के पीछे सबसे बड़ा कारण भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में अल नीनो की स्थिति का बनना है। महापात्र ने कहा हालांकि, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के समुद्री सतह तापमान में अंतर अब पॉजिटिव होना शुरू हो गया है, जो अल नीनो के प्रभाव को उलट सकता है।
उन्होंने कहा कि पूर्व दिशा की ओर बढ़ते बादलों की गति और उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में हो रही वर्षा मानसून के फिर से दस्तक देने में अहम भूमिका निभा सकती है।
केरल में फिर लौटा बारिश का दौर : केरल में करीब एक माह के बाद फिर से बारिश का दौर शुरू हो गया है और भारत मौसम विज्ञान केंद्र ने बुधवार को राज्य के कुछ हिस्सों में मध्यम से हल्की बारिश का अनुमान जताया है। मौसम विभाग ने बताया कि राज्य के तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलाप्पुझा और एर्नाकुलम जिलों में एक या दो स्थानों पर मध्यम बारिश की संभावना है।
विभाग ने यह भी कहा कि कोट्टायम, पथनमथिट्टा, इडुक्की और त्रिशूर जिलों के कुछ इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है। राज्य में एक महीने से अधिक अंतराल के बाद बारिश का दौर लौटा है। इस साल मॉनसून के सीजन में कम बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार, इस साल एक जून से 29 अगस्त तक मानसून सीजन में 48 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है।
कम बारिश के चलते कृषि क्षेत्र प्रभावित हुआ है और इसके परिणामस्वरूप बिजली उत्पादन में भी कमी दर्ज की गई है। ऐसा इसीलिए क्योंकि कई जल-विद्युत बांधों को अपने जलाशयों में पानी संरक्षित करना पड़ा है। कम बारिश के कारण राज्य में कई स्थानों पर पानी की कमी हो गई और कुएं तक सूख गए हैं। (भाषा/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
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