पश्चिम और मध्य भारत में रविवार को भारी बारिश हुई, जबकि जम्मू-कश्मीर में बादल फटने से श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया। केरल के वायनाड और हिमाचल प्रदेश में पिछले सप्ताह हुए भूस्खलन में मरने वालों की संख्या क्रमशः 221 और 13 हो गई, जबकि उत्तराखंड के केदारनाथ यात्रा के पैदल मार्ग पर फंसे तीर्थयात्रियों सहित 370 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया। हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों में बादल फटने से आई बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या 13 हो गई है। मंडी जिले से दो और शव बरामद किए गए हैं।
केदारनाथ, भीमबली और गौरीकुंड से अब तक 10,000 से अधिक लोगों को बचाया जा चुका है। पिछले बुधवार को लिनचोली के पास जंगलचट्टी में बादल फटने से केदारनाथ यात्रा के पैदल मार्ग को काफी नुकसान पहुंचा था। अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र के पुणे में भारी बारिश और खड़कवासला बांध से पानी छोड़े जाने के बीच जलभराव वाले आवासीय क्षेत्र में सेना के जवानों को तैनात किया गया है।
पुणे क्षेत्र के खड़कवासला, मुलशी, पवना और अन्य बांधों से पानी छोड़े जाने के मद्देनजर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अधिकारियों को सतर्कता बरतने को कहा है। इसके अलावा यह भी निर्देश दिया है कि जरूरत पड़ने पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और सेना की मदद से लोगों को खतरनाक इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए कदम उठाए।
सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पिछले पखवाड़े में जलसंग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के बाद रविवार को पुणे जिले के खड़कवासला बांध से 35,000 क्यूसेक (घन फुट प्रति सेकंड) पानी छोड़ा गया।
जम्मू-कश्मीर में कुछ इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं, जबकि गांदरबल जिले में बादल फटने से आई अचानक बाढ़ के कारण श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग बंद कर दिया गया। राजमार्ग बंद होने से कश्मीर घाटी का लद्दाख से संपर्क टूट गया है, जबकि अमरनाथ यात्रा के लिए बालटाल आधार शिविर भी प्रभावित हुआ।
झारखंड में भारी बारिश के कारण राज्य की कुछ नदियां उफान पर हैं, जिससे पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन को निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए अलर्ट जारी करना पड़ा है। राज्य में लगातार हो रही बारिश के कारण पिछले कुछ दिनों से खरकई और स्वर्णरेखा नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार रविवार सुबह नौ बजे स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर 116.58 मीटर था, जबकि खतरे का निशान 121.50 मीटर है। विज्ञप्ति में कहा गया कि खरकई का जलस्तर 126.83 मीटर पर दर्ज किया गया, जबकि खतरे का निशान 129 मीटर है।
इसमें कहा गया कि झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले के निकटवर्ती चांडिल बांध से स्वर्णरेखा में करीब 3,500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जलसंग्रहण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से नदियों के पास न जाने और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करने को कहा गया है।
पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में सभी जिलों में अधिकांश स्थानों पर बारिश हुई, जबकि बीरभूम में कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई। दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) ने बताया कि तेनुघाट से भारी मात्रा में पानी आ जाने के बाद रविवार सुबह झारखंड-पश्चिम बंगाल सीमा पर स्थित पंचेत और मैथन बांध से 1.2 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा।
डीवीसी द्वारा पानी छोड़े जाने से पूर्व और पश्चिम वर्धमान, बीरभूम, पश्चिम और पूर्व मेदिनीपुर, बांकुरा, हुगली और हावड़ा सहित दक्षिण बंगाल के कई जिले प्रभावित हो गए हैं। हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों में बादल फटने से आई बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या 13 हो गई है। मंडी जिले से दो और शव बरामद किए गए हैं।
कुल्लू के निरमंड,सैंज और मलाणा, मंडी जिले के पधर और शिमला के रामपुर उपखंड में 31 जुलाई की रात में बादल फटने की कई घटनाओं ने भारी तबाही मचायी थी। इन घटनाओं के बाद अब भी 40 से अधिक लोग लापता हैं। बचाव अभियान जारी है और लापता लोगों का पता लगाने के लिए श्वान दस्ते, ड्रोन और अन्य उपकरणों की मदद ली जा रही है।
अधिकारियों के अनुसार सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), पुलिस और होमगार्ड के 410 जवान इस बचाव/खोज अभियान में शामिल हैं।
राज्य में कुल 87 सड़कें अभी भी बंद हैं। स्थानीय मौसम विभाग ने आठ अगस्त तक हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने की चेतावनी दी है।
हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में रुक-रुककर बारिश हुई है। शुक्रवार शाम से हमीरपुर में सबसे अधिक 54 मिलीमीटर (मिमी) बारिश हुई। इसके बाद बर्थिन और धर्मशाला में 19-19 मिमी, नेरी में 11 मिमी, कांगड़ा में 9.7 मिमी, कुकुमसेरी में 9.6 मिमी, सुंदरनगर में 8.1 मिमी, मनाली और चंबा में 6-6 मिमी तथा बजौरा में पांच मिमी बारिश दर्ज की गई।
केरल के वायनाड जिले के भूस्खलन प्रभावित इलाकों में बचाव अभियान छठे दिन भी जारी रहा। अधिकारियों ने शवों को निकालने के प्रयास तेज कर दिए हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ( एनडीआरएफ), सेना, नौसेना, तटरक्षक बल और विशेष अभियान समूह सहित विभिन्न बलों के सैकड़ों कर्मचारियों को आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया गया है।
राज्य के राजस्व मंत्री के राजन के अनुसार अब तक 221 शव और 166 मानव अंग बरामद किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि अधिकारियों द्वारा फोन पर कुछ लोगों से संपर्क करने के बाद लापता लोगों की संख्या 206 से घटकर 180 हो गई है।
वायनाड, मलप्पुरम और कोझिकोड से होकर बहने वाली चालियार नदी के किनारे भी तलाशी अभियान जारी है। अधिकारियों ने बताया कि चालियार नदी में 74 शव और 134 मानव अंग हैं, जिससे मृतकों की कुल संख्या 208 हो गई है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने सोमवार को देश के पूर्वी, पूर्वोत्तर और उत्तरी भागों में अत्यधिक बारिश की चेतावनी दी है, जबकि बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ स्थानों पर गरज के साथ बारिश होने की संभावना जताई है।
मौसम विभाग ने आठ अगस्त तक पश्चिम बंगाल के उप-हिमालयी जिलों में भारी बारिश का अनुमान जताया है, जबकि छह और सात अगस्त को दक्षिण बंगाल के कुछ स्थानों पर भारी बारिश के आसार हैं।
मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रविवार को दक्षिण बंगाल में शनिवार सुबह से जारी भारी बारिश से कुछ राहत मिली। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार और कूचबिहार में आठ अगस्त तक भारी से बेहद भारी वर्षा हो सकती है।
मौसम विभाग अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण बंगाल के पूर्व और पश्चिम वर्धमान, बीरभूम, बांकुरा, पुरुलिया और मुर्शिदाबाद जिलों में छह और सात अगस्त को कुछ स्थानों पर भारी बारिश या हल्की बारिश हो सकती है। भाषा