Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

जल संकट को लेकर मूडीज की चेतावनी, भारत की साख के लिए बताया खतरा

हमें फॉलो करें delhi water crisis

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, बुधवार, 26 जून 2024 (08:18 IST)
  • कृषि तथा उद्योग क्षेत्र पर पड़ेगा जल संकट का असर
  • खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ सकती हैं
  • जल संकट ऋण क्षमता के लिए भी हानिकारक
Water Crisis : रेटिंग एजेंसी मूडीज ने एक रिपोर्ट में देश में बढ़ते जल संकट को भारत की साख से लिए हानिकारक बताया। एजेंसी ने दावा किया कि भारत में पानी की बढ़ती कमी कृषि तथा उद्योग क्षेत्र को प्रभावित कर सकती है जो देश की ऋण क्षमता के लिए हानिकारक है। ALSO READ: आतिशी अस्पताल में भर्ती, खत्म हुआ अनशन
 
मूडीज ने रिपोर्ट में कहा कि जल आपूर्ति में कमी से कृषि उत्पादन तथा औद्योगिक कार्य प्रभावित हो सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ सकती हैं। यह उन क्षेत्रों की ऋण क्षमता के लिए हानिकारक हो सकता है, जो भारी मात्रा में जल का उपभोग करते हैं, जैसे कोयला बिजली उत्पादक और इस्पात निर्माता आदि।
 
इसमें कहा गया कि भारत की तेज आर्थिक वृद्धि, साथ ही तीव्र औद्योगिकीकरण और शहरीकरण के कारण दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश में पानी की उपलब्धता कम हो जाएगी।
 
इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव तेजी से बढ़ने के कारण जल संकट और भी बदतर हो रहा है, जिसके चलते सूखा, लू तथा बाढ़ जैसी जलवायु संबंधी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
 
webdunia
मूडीज ने भारत के समक्ष पर्यावरणीय जोखिम पर एक रिपोर्ट में कहा कि भारत में पानी की कमी बढ़ती जा रही है, क्योंकि तेज आर्थिक वृद्धि तथा जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों के कारण लगातार बढ़ती प्राकृतिक आपदाओं के बीच पानी की खपत बढ़ रही है।
 
दिल्ली में बढ़ते जल संकट के बीच आई रिपोर्ट में कहा गया है कि यह ऋण क्षमता के लिए हानिकारक है, साथ ही उन क्षेत्रों के लिए भी हानिकारक है जो पानी का अत्यधिक उपभोग करते हैं, जैसे कोयला बिजली जनरेटर और इस्पात विनिर्माता। दीर्घावधि में जल प्रबंधन में निवेश संभावित जल की कमी से होने वाले जोखिम को कम कर सकता है।
 
जल संसाधन मंत्रालय के आंकड़ों का हवाला देते हुए मूडीज ने कहा कि भारत की प्रति व्यक्ति औसत वार्षिक जल उपलब्धता 2031 तक घटकर 1,367 क्यूबिक मीटर रह जाने की संभावना है। यह 2021 में पहले से ही कम 1,486 क्यूबिक मीटर है। मंत्रालय के अनुसार, 1,700 क्यूबिक मीटर से कम का स्तर जल संकट को दर्शाता है।
 
विश्व बैंक की फरवरी 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक दशक में बहुपक्षीय ऋणदाता ने ग्रामीण समुदायों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के भारत सरकार के प्रयासों का समर्थन किया है। 1.2 अरब अमरीकी डॉलर के कुल वित्तपोषण वाली कई परियोजनाओं से 2 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ हुआ है।
Edited by : Nrapendra Gupta

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मिजोरम में फर्जी शिक्षकों के कारण खतरे में बच्चों का भविष्य