नई दिल्ली। सरकार ने मंगलवार को बताया कि पिछले 3 वर्षों में पड़ोसी देशों से सीमापार घुसपैठ के 2 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं तथा इन्हें रोकने एवं नियंत्रित करने के लिए निगरानी सहित अन्य कदम उठाए जा रहे हैं। लोकसभा में चिराग पासवान के प्रश्न के लिखित उत्तर में गृह राज्यमंत्री निशीथ प्रमाणिक ने यह जानकारी दी।
चिराग ने पूछा था कि क्या सरकार का सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसंख्या के अनुपात में भारी वृद्धि को देखते हुए घुसपैठ की निगरानी एवं जांच करने के लिए विशेष निगरानी दल गठित करने का विचार है तथा 3 वर्षों में घुसपैठ के कितने मामले सामने आए? इस पर गृह राज्यमंत्री प्रमाणिक द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक 3 वर्षों में पड़ोसी देशों से सीमापार घुसपैठ के 2,073 से अधिक मामले सामने आए हैं।
इन आंकड़ों के अनुसार पिछले 3 वर्षों में भारत-पाकिस्तान सीमा पर घुसपैठ के 128 मामले, भारत-बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ के 1,787 मामले, भारत-नेपाल सीमा पर घुसपैठ के 25 मामले तथा भारत-म्यांमार सीमा पर घुसपैठ के 133 मामले दर्ज किए गए। निचले सदन में पेश आंकड़ों के अनुसार इस अवधि में भारत-भूटान सीमा पर घुसपैठ के शून्य मामले तथा भारत-चीन सीमा पर भी घुसपैठ के शून्य मामले दर्ज किए गए। प्रमाणिक ने बताया कि सीमारक्षक बलों सहित सरकार की एजेंसियों द्वारा घुसपैठ को रोकने एवं नियंत्रित करने के लिए निगरानी सहित अन्य कदम उठाए जा रहे हैं।