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अलवर की घटना पर नकवी के बयान को लेकर रास में हंगामा

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नई दिल्ली , शुक्रवार, 7 अप्रैल 2017 (14:52 IST)
नई दिल्ली। राजस्थान के अलवर में गाय लेकर जा रहे एक व्यक्ति की गौरक्षकों द्वारा कथित रूप से बुरी तरह पीटे जाने के बाद उपचार के दौरान उसकी मौत होने की घटना से इंकार करने के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के गुरुवार को राज्यसभा में दिए गए बयान को लेकर कांग्रेस सदस्यों ने शुक्रवार को उच्च सदन में हंगामा किया और सदन को गुमराह करने के लिए उनसे माफी की मांग की। 
 
संसदीय कार्य राज्यमंत्री नकवी ने हालांकि शुक्रवार को स्पष्ट किया कि गुरुवार को सदन में शून्यकाल के दौरान जब कांग्रेस के मधुसूदन मिस्त्री ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा था कि गुजरात, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश में भी ऐसी घटनाएं हुई हैं तो उन्होंने कहा कि इन राज्यों में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।
 
नकवी ने कहा कि हम अराजकता को या हिंसा को जायज नहीं ठहराते। उन्होंने कहा कि अलवर में एक घटना हुई है और इस संबंध में 6 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। राज्य सरकार आरोपियों के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई कर रही है। नकवी ने यह भी कहा कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को सदन में अलवर में हुई घटना के संबंध में एक बयान देंगे।
 
कांग्रेस सदस्य नकवी के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और आसन के समक्ष आकर सदन को गुमराह करने के लिए उनसे माफी की मांग करने लगे। उपसभापति पीजे कुरियन ने आसन के समक्ष आए कांग्रेस सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने की अपील करते हुए कहा कि मंत्री ने स्थिति स्पष्ट कर दी है और माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता। 
 
चतुर्वेदी के तर्क देने पर कुरियन ने कहा कि कांग्रेस के एक वरिष्ठ सदस्य आसन के समक्ष आकर आसन पर सवाल उठाते हैं, यह सही नहीं है। माफी चाहूंगा। कांग्रेस सदस्य गैरजिम्मेदाराना व्यवहार कर रहे हैं। कांग्रेस सदस्यों की नकवी से माफी की मांग खारिज करते हुए कुरियन ने कहा कि माफी किसलिए? नकवी ने भी हाथ से इशारा करते हुए माफी मांगने से इंकार कर दिया।
 
कुरियन ने कहा कि मैं कार्यवाही स्थगित नहीं करूंगा। यह केवल धमकी है और कुछ नहीं। अनुशासित सदस्यों से मैं माफी चाहूंगा। कुछ सदस्य सदन में व्यवधान उत्पन्न करते हैं। उन्होंने कहा कि जहां तक आसन का सवाल है तो मंत्री का यह आश्वासन पर्याप्त है कि गृहमंत्री सोमवार को सदन में बयान देंगे।
 
कुछ देर बाद विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने आसन के समक्ष नारे लगा रहे अपने पार्टी सहयोगियों को अपने स्थानों पर लौट जाने को कहा। आजाद ने सरकार पर राज्यसभा के महत्व को कम करने का आरोप लगाया।
 
उन्होंने कहा कि गृहमंत्री ने गुरुवार को लोकसभा में बयान दिया है और संसदीय कार्य राज्यमंत्री को अपना दायित्व निर्वाह करते हुए उन्हें सूचित करना चाहिए था कि गुरुवार को यह मुद्दा राज्यसभा में भी उठाया गया इसलिए वे उच्च सदन में भी बयान दे सकते थे।
 
आजाद ने कहा कि यह सही नहीं है, हर दिन वे राज्यसभा के महत्व को कम करते हैं।
नकवी ने कहा कि गृहमंत्री अंडमान गए हैं। इस पर आजाद ने कहा कि 2 गृह राज्यमंत्री भी हैं, वे भी बयान दे सकते हैं। 
 
उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह राज्यसभा को गंभीरता से ले। इससे पहले सदन की बैठक शुरू होने पर आजाद ने कहा कि अलवर में हुई घटना के पीड़ित मवेशी खरीदने के लिए जयपुर पशु मेले में गए थे। वहां उन्हें बताया गया कि गाय अधिक दूध देती है तो उन लोगों ने भैंस के बजाय गाय खरीद ली।
 
गुरुवार को सदन में यह मुद्दा उठाया गया तो संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इसे मानने के बजाय इससे इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को ऐसे लोगों का संरक्षण नहीं करना चाहिए। आजाद ने कहा कि पिछले साल प्रधानमंत्री ने गौरक्षकों के खिलाफ कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया था लेकिन जो कुछ हो रहा है उससे लगता है कि भाजपा कार्यकर्ताओं को खुली छूट दे दी गई है।
 
उन्होंने कहा कि राजस्थान में भाजपा के एक विधायक ने पीड़ित की मौत का कारण दिल का दौरा बताया है लेकिन राज्य सरकार के डॉक्टरों ने पोस्टमॉर्टम में पुष्टि की है कि पीटे जाने की वजह से पीड़ित के पेट और छाती में अंदरुनी रक्तस्राव हुआ जिससे उसकी मौत हुई। (भाषा)


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