लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के अपने पिता मुलायम सिंह यादव और चाचा शिवपाल सिंह यादव के बीच तनाव इतना बढ़ गया है कि अब कोई बीच का रास्ता निकलना असंभव सा नजर आ रहा है।
ऐसी संभावीना जताई जा रही है कि मुलायम सिंह यादव आज सोमवार को नई पार्टी बनाने का ऐलान कर सकते हैं। उनके इस फैसले में लोकदल उनका साथ दे सकती है। लोकदल के अध्यक्ष सुनील सिंह ने बताया 'मुलायम लोहिया ट्रस्ट में एक पत्रकार वार्ता आयोजित करेंगे, जिसमें वह लोकदल के साथ एक नई पार्टी की घोषणा करेंगे।' लोकदल अध्यक्ष सिंह ने कहा कि नई पार्टी के साथ समाजवादी शब्द जुड़ा रहेगा। अभी हाल में मुलायम सिंह ने अखिलेश यादव के समर्थक राम गोपाल यादव को लोहिया ट्रस्ट के सचिव पद से हटा दिया था और उनके स्थान पर शिवपाल यादव को नया सचिव बना दिया था।
मुलायम ने जब 2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन का विरोध किया था तो लोकदल के सुनील सिंह ने उन्हें पार्टी अध्यक्ष का पद प्रस्ताव दिया था। लोकदल अध्यक्ष सिंह ने दावा किया कि विधानसभा चुनाव के दौरान शिवपाल के कई समर्थकों ने लोकदल के टिकट पर चुनाव लड़ा था और प्रचार में मुलायम के फोटो का भी इस्तेमाल किया था।
नई पार्टी बनाने की खबरों के बीच अखिलेश यादव ने कहा है कि वे असली समाजवादी हैं और कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे नकली समाजवादियों से सावधान रहें। जबकि इस पार्टी को मुलायम सिंह ने ही 25 साल पहले बनाया था।
उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी के राज्य स्तरीय सम्मेलन में मुलायम सिंह और उनके भाई शिवपाल यादव शामिल नहीं हुए थे। शिवपाल ने जून महीने में ही घोषणा कर दी थी कि वह सांप्रदायिक शक्तियों से लड़ने के लिए समाजवादी सेक्यूलर फ्रंट बनाएंगे। शिवपाल के एक करीबी ने बताया, 'अब जब समाजवादी पार्टी में समझौते की कोई गुंजाइश नही बची है तब ऐसे समय में शिवपाल को भविष्य के बारे में कोई फैसला लेना जरूरी हो गया है।'
शिवपाल के एक अन्य समर्थक से पूछा गया कि क्या मुलायम और शिवपाल लोकदल के बैनर के नीचे काम करेंगे तो उन्होंने कहा कि संभवत: मुलायम समाजवादी शब्द को अपने से अलग नहीं करेंगे। कल जब नेता जी (मुलायम) अपने अगले कदम के बारे में बताएंगे तो सारी स्थिति साफ हो जाएगी।
चुनाव आयोग के रिकार्ड के अनुसार लोकदल पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त पार्टी है, जिसे पूर्व समाजवादी नेता चरण सिंह ने बनाया था और मुलायम इसके संस्थापक सदस्य थे। लोकदल के पास अपना पुराना चुनाव निशान खेत जोतता किसान है और इसी चुनाव चिन्ह पर चरण सिंह उप्र के मुख्यमंत्री बने थे। (एजेंसी)