लखनऊ। समाजवादी पार्टी पर लगभग पूरी तरह से काबिज होने के बाद अखिलेश यादव ने पार्टी पर लगे परिवारवाद के धब्बे को हटाने की कोशिशें भी तेज कर दी हैं। इसके पहले क्रम में उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी डिंपल यादव अब चुनाव नहीं लड़ेंगी। शनिवार को निजी कार्यक्रम में हिस्सा लेने रायपुर पहुंचे सपा नेता अखिलेश यादव ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि अगर भाजपा और दूसरी पार्टियां भी अपने परिजनों को टिकट ना दें तो मेरी पत्नी भी चुनाव नहीं लड़ेगी।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा का भी परिवारवाद है, भाजपा का परिवारवाद भी देखना चाहिए। इसके बाद हमारे परिवारवाद को देखें। उन्होंने कहा कि अपने परिवारवाद के बारे में कोई नहीं बोलता। अखिलेश ने कहा कि यदि हमारा परिवारवाद है तो हम तय करते हैं कि अगली बार हमारी पत्नी चुनाव नहीं लड़ेंगी।
अखिलेश की पत्नी डिंपल कन्नौज से सांसद हैं और बीते विधानसभा चुनाव में उन्होंने पार्टी के प्रचार की कमान भी संभाल रखी थी। हालांकि शनिवार को लखनऊ में हुए पार्टी के राज्य सम्मेलन में वह नहीं नजर आई।
गौरतलब है कि सपा में परिवारवाद का सबसे अधिक आरोप मुलायम सिंह यादव पर लगता रहा है। 2012 में अखिलेश को प्रदेश की सत्ता सौंपने के बाद यह आरोप और गहराया था। 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले परिवार की कलह में जब पिता-पुत्र के बीच दूरी बढ़ी थी जिसके चलते पार्टी में फूट पड़ गई थी।
फूट के बाद एक तरफ जहां मुलायम अपने भाई शिवपाल के लिए सियासी जमीन बनाने के लिए प्रयासरत हैं, तो वहीं अखिलेश ने डिंपल को चुनावी मैदान से बाहर करके यह संकेत देने की कोशिश की है कि पार्टी के लिए उनकी सोच का दायरा अपने पिता से अलग है और वह सबको साथ लेकर चलने की कोशिश करेंगे। (एजेंसी)