मुंबई के डिब्बेवालों को ब्रिटेन के शाही परिवार से खास संबंध है। महारानी एलिजाबेथ के निधन से 5 हजार डिब्बेवाले बहुत दुखी है। महारानी एलिजाबेथ के बाद ब्रिटेन के नए किंग बने चार्ल्स तृतीय से डिब्बेवालों का कनेक्शन 19 साल पुराना है। इसी वजह से जब भी ब्रिटिश शाही परिवार में खुशी का अवसर आता है तो मुंबई के डिब्बे वाले खुश हो जाते हैं और शाही परिवार के दुख में ये दुखी नजर आते हैं।
नूतन मुंबई टिफिन बॉक्स सप्लायर्स एसोसिएशन के एक पदाधिकारी रघुनाथ मेडगे ने कहा कि मुंबई के डिब्बा वालों की ओर से मैं, शाही परिवार के प्रति हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा कि डिब्बा वालों को दुनिया में कोई नहीं जानता था लेकिन वे महारानी एलिजाबेथ और शाही परिवार के कारण मशहूर हो गए।
चार्ल्स और डिब्बेवालों में दोस्ती साल 2003 में उस समय हुई थी जब ब्रिटेन के राजकुमार अपने पहले दौरे पर मुंबई आए थे। प्रिंस चार्ल्स ने डब्बावालों से खास तौर से मुलाकात की थी।
चार्ल्स ने इसके बाद 2005 में अपनी शादी में मुंबई के डिब्बावालों को आमंत्रित किया था। शाही परिवार से मिले इस सम्मान के बाद से डिब्बे वालों का रॉयल फैमिली से खास रिश्ता हो गया।
शाही विवाह के लिए लंदन की आठ दिन की यात्रा को याद करते हुए मेडगे ने कहा कि उन्होंने विंडसर कैसल में महारानी एलिजाबेथ तथा शाही परिवार के अन्य सदस्यों के साथ सुबह का नाश्ता किया था।
उन्होंने कहा कि हमने विंडसर कैसल में शाही परिवार के साथ दो बार सुबह का नाश्ता किया था और महारानी वहां मौजूद थीं। उन्होंने कहा कि वे भाषा की दिक्कत के कारण उनसे बातचीत नहीं कर पाए लेकिन उन्होंने उनके साथ बहुत विनम्रतापूर्वक व्यवहार किया।
2018 में चार्ल्स के बेटे प्रिंस हैरी की मैगन से शादी के समय भी डिब्बे वालों ने मिठाई बंटवाई थी। डब्बावालों ने प्रिंस हैरी की शादी के मौके पर उन्हें एक सलवार-कुर्ता के साथ फेटा' (पगड़ी) और दुल्हन मेगन के लिए एक पैठानी साड़ी भी भेजी थी।
उल्लेखनीय है कि सफेद कपड़ों और गांधी टोपी से पहचाने जाने वाले डिब्बेवाले रोजाना शहर में 2 लाख से ज्यादा टिफिन पहुंचाने का काम करते हैं। वे अपनी त्रुटिहीन वितरण प्रणाली के लिए जाने जाते हैं।