नई दिल्ली। सेना के नगरोटा शिविर पर आतंकवादी हमले की साजिश में गिरफ्तार एक आतंकवादी आशिक बाबा को हुर्रियत नेताओं की सिफारिश पर चार बार पाकिस्तान का वीजा दिया गया, जहां उसने जैश-ए-मोहम्मद के कमांडरों के साथ मिलकर हमले की साजिश रची।
हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए के प्रवक्ता ने गुरुवार को बताया कि तीन गिरफ्तार आतंकवादियों ने पूछताछ के दौरान यह अहम जानकारी दी। उन्होंने यह भी कबूला कि वे सभी पाकिस्तान स्थित जैश के तीन कमांडरों के संपर्क में थे और जैश कमांडर उन्हें सोशल मीडिया पर निरंतर निर्देश देते रहते थे।
तीनों गिरफ्तार आतंकवादियों आशिक बाबा, तारिक अहमद डार और मुनीर उल हसन कादरी ने बताया कि वे जैश के मुजफ्फराबाद स्थित कमांडर मौलाना मुफ्ती अश्गर, रावलपिंडी में स्थित कमांडर कारी जरार, वसीम और अबू तालहा के संपर्क में थे।
ये जैश कमांडर उन्हें व्हाट्सएप के जरिए वॉयस और टेक्सट संदेश भेजते थे। अश्गर का भानजा वकास दक्षिण कश्मीर में जैश का कमांडर था और वह हाल ही में मुठभेड़ में मारा गया था। आतंकवादियों ने एनआईए को यह भी बताया कि आशिक बाबा को हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी, गनी भट और मौलाना उमर फारुख के सिफारिशी पत्रों पर 2015 और 17 के बीच में चार बार कानूनी तरीके से पाकिस्तान का वीजा दिया गया और वह वाघा चौकी के रास्ते पाकिस्तान गया।
वहां उसने एक आईएसआई एजेंट से मंजूरी के बाद जैश के कमांडरों से मुलाकात की और नगरोटा हमले की साजिश में शामिल हुआ। जैश आतंकवादियों ने उसे हमले के बारे में जरूरी निर्देश दिए। उसे यह भी बताया गया कि हमलावर आतंकवादी घुसपैठ के बाद उसे कहां मिलेंगे और आगे उन्हें क्या करना है। (वार्ता)