नई दिल्ली। नागपुर पुलिस ने बागेश्वर धाम के कथाकार धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को क्लीन चिट दे दी है। बताया जा रहा है कि पुलिस को धीरेन्द्र शास्त्री के खिलाफ ऐसे कोई सबूत नहीं मिले, जिससे सिद्ध होता हो कि वे अंधविश्वास फैलाने का काम कर रहे थे।
दरअसल, महाराष्ट्र अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के श्याम मानव ने धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ इस आधार पर पुलिस में शिकायत की थी कि वे समाज में अंधविश्वास फैलाने का काम कर रहे हैं। श्याम मानव की शिकायत के बाद पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच की और सबूत न मिलने पर बागेश्वर बाबा को क्लीन चिट दे दी।
क्या है पूरा मामला : धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के नागपुर में 5 से 13 जनवरी तक रामकथा प्रवचन थे। इसी बीच, उनके वीडियो देखकर महाराष्ट्र अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के प्रमुख श्याम मानव ने उन्हें चुनौती देते हुए कहा था कि यदि शास्त्री उनके 10 लोगों में से 9 लोगों के नाम भी सही बता देंगे तो वे उन्हें 30 लाख रुपए देंगे साथ ही उनका विरोध करना भी छोड़ देंगे।
समिति के मुताबिक श्याम मानव रामकथा आयोजन में जाने वाले थे, लेकिन इसकी भनक लगते ही बाबा कथा छोड़कर 2 दिन पहले ही वहां से चले गए। जबकि, बाबा के समर्थकों ने कहा कि शास्त्री को कैंसर अस्पताल से संबंधित एक बैठक में भाग लेना जाना था, इसलिए वे बीच में ही चले गए।
अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति का आरोप है कि बाबा भीड़ में अपने ही समर्थकों को बैठाते हैं। समिति का कहना है कि बाबा को श्याम मानव को अपने धाम बुलाना चाहिए या फिर अपनी बात साबित करने के लिए कहीं और बुलाने की तारीख देनी चाहिए।
दूसरी ओर, धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा था कि मैं कोई चमत्कारी व्यक्ति नहीं हूं न ही किसी के मन की बात जानने की शक्ति रखता हूं। मैं कोई बागेश्वर सरकार भी नहीं हूं, मैं धीरेंद्र कृष्ण गर्ग हूं। बागेश्वर सरकार तो बालाजी महाराज हैं, जिनकी प्रेरणा से ही मैं लोगों की समस्या का हल करता हूं।