नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अक्टूबर में भारत में होने वाली दूसरी अनौपचारिक शिखर बैठक के लिए जमीन तैयार करने के वास्ते विदेश मंत्री एस. जयशंकर के अगले महीने चीन की यात्रा पर जाने की संभावना है। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि बीजिंग में जयशंकर चीन के स्टेट काउंसिलर एवं विदेश मंत्री वांग ई के साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों के अलावा द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे। सूत्रों ने कहा कि यात्रा का प्राथमिक उद्देश्य मोदी और शी के बीच दूसरी अनौपचारिक शिखर बैठक के लिए जमीन तैयार करना होगा, जो अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में होने की संभावना है।
अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में दोनों नेताओं के भारत-चीन संबंधों को और व्यापक बनाने पर ध्यान केंद्रित करने की संभावना है जिसमें दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने और व्यापार तथा निवेश में सहयोग का विस्तार करना शामिल होगा।
सीमा के सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में दोनों देशों की सेनाओं के बीच 73 दिनों के गतिरोध के बाद द्विपक्षीय संबंधों में भारी तनाव के बाद दोनों नेताओं के बीच चीनी शहर वुहान में अप्रैल में पहली अनौपचारिक शिखर बैठक हुई थी। भारत में चीन के नए राजदूत सुन वीदोंग ने बीजिंग में कहा कि दोनों देशों में दो मजबूत नेताओं के सत्ता में रहने से दोनों देशों के संबंध नई ऊंचाइयों तक पहुंचना तय है।
उन्होंने भारतीय पत्रकारों के एक समूह से कहा कि पिछले साल वुहान में अपनी पहली अनौपचारिक शिखर बैठक में शी और मोदी द्वारा प्रदान किए गए रणनीतिक मार्गदर्शन के तहत चीन-भारत संबंधों ने 'विकास की एक बहुत अच्छी और शानदार गति' हासिल की है।
उन्होंने कहा कि इस साल दोनों नेता एक और अनौपचारिक बैठक करने जा रहे हैं। मुझे विश्वास है, यह हमारे द्विपक्षीय संबंधों में सर्वोच्च प्राथमिकता होगी, जो निश्चित रूप से हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। मोदी और शी ने पिछले महीने किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के मौके पर द्विपक्षीय बैठक की थी।
मई में हुए आम चुनावों में भाजपा की भारी जीत के बाद मोदी के फिर से सत्ता में आने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली बैठक थी। मोदी ने बैठक को 'अत्यंत सफल' बताया था। (भाषा)