अयोध्या। अयोध्या में स्थित विवादित श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण को लेकर आमरण अनशन पर बैठे तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नहीं चाहते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो।
एक अक्टूबर से आमरण अनशन पर बैठे महंत परमहंस ने शुक्रवार को कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार यह नहीं चाहती है कि अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण हो। उन्होंने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह मेरा अनशन जबर्दस्ती तुड़वाना चाहती है, इसके लिए बार-बार मेरे ऊपर दबाव बनाया जा रहा है तथा धमकियां भी दी जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि आमरण अनशन पर बैठने का मेरा मकसद यही था कि देश के प्रधानमंत्री मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करें और श्रीराम जन्मभूमि में विराजमान रामलला के दर्शन करें।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासनिक अधिकारियों से मुझे धमकी दिलाई जा रही है और कहा जा रहा है कि अगर आप अनशन नहीं तोड़ेंगे तो आपको यहां से हटा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर मुझे अनशन तोडऩा होता तो मैं शुरू क्यों करता? मेरे अनशन को लेकर सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक पहल शुरू नहीं की गई है।
तपस्वी छावनी के महंत ने कहा कि आज भाजपा की सरकार राम मंदिर के नाम पर केन्द्र में पूर्ण बहुमत से है। इसके बावजूद भी रामलला टाट पट्टी में विराजमान हैं। उन्होंने कहा कि मैं घबराया हुआ हूं क्योंकि बार-बार प्रशासनिक अधिकारी आते हैं और मेरे ऊपर आमरण अनशन तोडऩे का दबाव बना रहे हैं। वे कहते हैं कि सरकार की तरफ से दबाव आ रहा है कि जल्द से जल्द आप अनशन तोड़ दीजिए।
महंत ने कहा कि मैं एक सत्याग्रही हूं और गांधीवादी विचारधारा की तरह शांति एवं न्यायप्रिय ढंग से सरकार से मांग कर रहा हूं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक बार अयोध्या आकर रामलला का दर्शन कर लें, लेकिन प्रधानमंत्री अयोध्या नहीं आना चाहते और न ही राम मंदिर के बारे में कुछ बोलना चाहते हैं। प्रशासनिक अधिकारियों से मुझे परेशान कराने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राम मंदिर के लिए विहिप सुप्रीमो अशोक सिंहल, महंत रामचन्द्रदास परमहंस, महंत अवैद्यनाथ जैसे लोग और लाखों कारसेवक शहीद हो गए। उसके बाद भी राम का मंदिर नहीं बन पाया। उन्होंने कहा कि अभी हमारा आमरण अनशन जारी रहेगा। मंदिर निर्माण के लिए जो भी होगा उसकी रक्षा श्रीराम करेंगे।
इस बीच डॉक्टरों की टीम ने भी शनिवार को उनके स्वास्थ्य का परीक्षण किया जिसमें 15 किलो वजन कम पाया गया। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि उनके स्वास्थ्य के लिए अनशन आगे घातक भी हो सकता है। (वार्ता)