मुंबई। मुंबई में 26/11 आतंकवादी हमले के शिकार हुए नरीमन हाउस को घटना में जान गंवाने वाले लोगों की याद में स्मारक में बदला जाएगा। इसराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के मुंबई दौरे के दौरान औपचारिक रूप से इसकी घोषणा की जाएगी।
वर्ष 2008 में मुंबई में 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों के हमले के दौरान चबाड हाउस के नाम से चर्चित नरीमन हाउस में निदेशक रहे यहूदी दंपति रब्बी गेव्रिएल और रिवका होल्ट्जबर्ग तथा कुछ अन्य लोगों की मौत हो गई थी। दक्षिण मुंबई के कोलाबा इलाके में पांच मंजिला ऐतिहासिक भवन में दंपति चबाड-लुबाविच मुहिम के लिए एक सांस्कृतिक केंद्र चलाता था।
दंपति का बेटा मोशे होल्ट्जबर्ग उस समय दो साल का था और उसकी जान एक भारतीय ने बचाई थी। नौ साल से ज्यादा समय पहले हुई त्रासदी के बाद इस सप्ताह वह नरीमन हाउस आएगा। वर्तमान में नरीमन हाउस का नेतृत्व कर रहे रब्बी इस्राइल कोजोलोवास्की ने बताया कि यहूदी संगठन चबाड-लुबाविच द्वारा स्थापित किए जा रहे स्मारक की औपचारिक घोषणा मंगलवार को यहां इसराइल प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के दौरे के दौरान एक कार्यक्रम में की जाएगी।
उन्होंने को एक साक्षात्कार में कहा कि ‘लिविंग मेमोरियल’ की स्थापना खुद की, अपने समुदाय और दुनिया की बेहतरी के लिए सभी पंथ के लोगों को जागरूक और प्रेरित करने के लिए की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘नरीमन हाउस में स्मारक रब्बी गेव्रिएल और उनकी पत्नी की जिंदगी और उनके आदर्शों तथा मूल्यों को प्रदर्शित करेगा, जिसने उन्हें अपनी जिंदगी मानवता के फायदे के लिए लगाने को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि नरीमन हाउस में एक हिस्से को बगीचे में बदला जाएगा जहां घटना के शिकार सभी लोगों का नाम दर्ज होगा। (भाषा)