Manipur Viral Video Case : राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने गुरुवार को औपचारिक निर्देश देते हुए ट्विटर इंडिया (witter India) से मणिपुर में 2 महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने से संबंधित वीडियो हटाने के लिए कहा है। इस वीडियो से पीड़ितों की पहचान उजागर होती है और यह एक दंडनीय अपराध है।
एनसीडब्ल्यू ने ट्वीट कर बताया, ट्विटर इंडिया के सार्वजनिक नीति प्रमुख को औपचारिक निर्देश में उस वीडियो को हटाने के लिए कहा है, जिसमें दो महिलाओं को निर्वस्त्र अवस्था में घुमाए जाने के घृणित कृत्य को दिखाया गया है। इस वीडियो से पीड़ितों की पहचान उजागर होती है और यह एक दंडनीय अपराध है।
मणिपुर के इंडिजीनियस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के एक प्रवक्ता के मुताबिक, घृणित घटना चार मई को कांगपोकपी जिले में हुई है और वीडियो में दिख रहा है कि पुरुष असहाय महिलाओं के साथ लगातार छेड़छाड़ कर रहे हैं और वे (महिलाएं) रो रही हैं तथा उनसे मिन्नतें कर रही हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। राज्य में तब से अब तक कम से कम 150 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
राज्य की आबादी में मेइती लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि जनजातीय समुदायों-नगा और कुकी लोगों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे अधिकतर पर्वतीय जिलों में रहते हैं।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)