मोदी कैबिनेट ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (National population register) पर मुहर लगा दी है। यह मंजूरी राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर यानी NPR को अपडेट करने के लिए दी गई है। आज हुई मोदी सरकार की कैबिनेट में इस पर मंजूरी दी गई है। दोपहर 3.30 बजे कैबिनेट ब्रीफिंग की जाएगी। जानिए क्या है NPR। एनपीआर के लिए 8500 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है।
क्या है NPR : नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर यानी राष्ट्रीय जनगणना रजिस्ट्रर NPR के तहत 1 अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2020 तक नागरिकों का डेटाबेस तैयार करने के लिए देशभर में घर-घर जाकर जनगणना की तैयारी है। देश के सामान्य निवासियों की व्यापक पहचान का डेटा बेस बनाना NPR का मुख्य लक्ष्य है। इस डेटा में जनसांख्यिकी के साथ देश के हर नागरिक की बायोमीट्रिक जानकारी भी होगी। इसमें आंखों के रैटिना की जानकारी की तरह हर व्यक्ति की बायोमैट्रिक जानकारी भी होगी।
यह पूछा जा सकता है : व्यक्ति का नाम क्या है। परिवार के मुखिया से उसका संबंध क्या है। माता-पिता का नाम, वैवाहिक स्थिति, शादीशुदा होने पर पति/पत्नी का नाम, लिंग, जन्म स्थान, नागरिकता, वर्तमान पता, पते पर रहने की अवधि, स्थायी पता, पेशा और शैक्षणिक स्थिति की भी जानकारी देनी होगी। कुछ और बातें पूछी जा सकती हैं, जैसे पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस और आधार से जुड़ी जानकारियां भी मांगी जा सकती हैं। ये भी पूछा जाएगा कि आप जहां रह रहे हैं वहां क्या 6 महीने से रह रहे हैं और क्या आगे 6 महीने तक रहने की संभावना है?
क्या होगा लाभ? : सरकार के पास देश के हर नागरिक की जानकारी होगी। NPR का उद्देश्य लोगों का बायोमीट्रिक डेटा तैयार कर सरकारी योजनाओं का लाभ असली लाभार्थियों तक पहुंचाना भी है। देश की सुरक्षा को लेकर कदम उठाए जा सकेंगे।
क्यों हो रहा है विरोध : NPR पर काम अगले साल अप्रैल से शुरू होगा लेकिन कुछ दलों ने अभी से इसका विरोध करना शुरू कर दिया है। एमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने यह कहते हुए NPR का विरोध किया है कि इससे NRC की शुरुआत हो जाएगी। बंगाल और केरल सरकारें भी NPR का विरोध कर रही हैं।