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8 आईआईटी परिसरों के निर्माण का अतिरिक्त खर्च मंजूर

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नई दिल्ली , बुधवार, 29 जून 2016 (23:49 IST)
नई दिल्ली। सरकार ने देश में आठ साल पहले स्थापित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के आठ परिसरों के निर्माण पर संशोधित बजट को बुधवार को मंजूरी दे दी। अब इन परिसरों के निर्माण पर करीब आठ हजार करोड़ रुपए अधिक खर्च किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज मंत्रिमंडल की बैठक में यह मंजूरी दी गई। वर्ष 2008-09 में भुवनेश्वर, गांधीनगर हैदराबाद, इंदौर, जोधपुर, मंडी, पटना तथा रोपड़ में ये आईआईटी स्थापित किए गए थे। इन सभी आईआईटी के परिसरों के निर्माण पर 6080 करोड़ रुपए खर्च होने की मंजूरी मिली थी, पर अब इनके निर्माण पर 13990 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। 
 
आईआईटी इंदौर के विकास बजट में ढाई गुना बढ़ोतरी : लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन की अनुशंसा तथा प्रयासों से इंदौर को आज ऐतिहासिक सौगात मिली है। केंद्र सरकार ने इंदौर आईआईटी के पूर्ण उन्नयन के लिए नई बजट राशि 1902 करोड़ रुपए स्वीकृत की गई है, जो कि पूर्व में स्वीकृत बजट राशि 760 करोड़ रुपए राशि से लगभग ढाई गुना अधिक है। महाजन ने इंदौर को यह सौगात देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी को धन्यवाद दिया है। 
 
पुराने प्रोजेक्ट रिपोर्ट की कई कमियों को दूर करते हुए आज की लागत से इंदौर आईआईटी के पूर्ण उन्नयन के लिए यह राशि मंजूर की गई है। आईआईटी के पूर्ण विकास होने से शहर और प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि आईआईटी के साथ आईआईएम मिलकर अब सम्पूर्ण प्रदेश को तकनीकी और मैनेजमेंट सलाह देंगे, जिससे प्रदेश का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो सकेगा। इंदौर शिक्षा के प्रमुख केंद्र की तरह तेजी से देश में उभर रहा है। 
 
स्वीकृत राशि में इंदौर दूसरे नंबर पर : इंदौर को स्वीकृत राशि आज आठ आईआईटी को मंजूर की गई राशि में दूसरे स्थान पर है। हैदराबाद को 2075 करोड़, पटना 1678, रोपड़ 1668, गांधीनगर 1716, जोधपुर 1605 और मंडी आईआईटी को 1466 करोड़ की नवीन स्वीकृति दी गई। 
 
जैसा कि विदित है जब इंदौर में आईआईटी की प्रारंभिक दिनों में स्थान के अभाव में इस सौगात के अन्य क्षेत्रों में जाने की सम्भावना बन रही थी। तब महाजन ने तात्कालिक वैकल्पिक स्थान के लिए एसजीएसआईटीएस व यूनिवर्सिटी के शीर्ष प्रबंधन के साथ चर्चा करके इन संस्थानों में  आईआईटी की कक्षाओं के संचालन की सहमति लेकर शहर में आईआईटी की स्थापना सुनिश्चित की थी। बाद में यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग कॉलेज में ये क्लासेस लगने लगी थीं।

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