नई दिल्ली। करदाता आधार को व्यापक बनाने के उद्देश्य से आयकर विभाग चालू वित्त वर्ष के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में 60 से अधिक 'आयकर सेवा केन्द्रों' की स्थापना करेगा। ये सेवा केन्द्र असम में गोलपाड़ा से लेकर मध्य प्रदेश में नीमच तक खोले जाएंगे।
इन सेवा केन्द्रों को खोलने के पीछे आयकर विभाग का मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सुनिश्चित करना है। ये आयकर सेवा केन्द्र किसी व्यक्ति को उसके व्यक्तिगत और व्यवसायिक संचालन में कर संबंधी सहायता उपलब्ध कराएंगे। इन केन्द्रों के जरिए स्थायी खाता संख्या (पैन) लेने से लेकर आयकर रिटर्न दाखिल करने और आयकर संबंधी दूसरे कार्यों को पूरा किया जा सकता है।
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा इस संबंध में तैयार की गई योजना के मुताबिक, इस तरह के 65 सेवा केन्द्र असम में गोलपाड़ा और मोरीगांव, पश्चिम बंगाल में सिलीगुड़ी और हल्दिया, तमिलनाडु में धर्मपुरी, उत्तराखंड में हरिद्वार और ॠषिकेश, उत्तर प्रदेश में हरदोई और लखीमपुर खीरी, गुजरात में दहोद और पोरबंदर, मध्य प्रदेश में नीमच और मंदसौर, ओडिशा में जाजपुर और पुरी तथा हरियाणा में रेवाड़ी और सोनीपत में खोले जाएंगे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ये कुछ महत्वपूर्ण स्थान हैं जहां 2016-17 वित्तीय वर्ष में ही आयकर सेवा केन्द्रों की स्थापना की जाएंगी। एक ही राज्य में और भी कई शहर हो सकते हैं जिनमें इन केन्द्रों को खोला जाएगा।
यह सीबीडीटी और आयकर विभाग की प्राथमिकता में आने वाली परियोजना है। इन आयकर सेवा केन्द्रों को अंग्रेजी में आस्क (एएसके) नाम दिया गया है। इनका नेतृत्व आयकर विभाग का अधिकारी करेगा। इनमें एक ही छत के नीचे करदाताओं के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। (भाषा)