नई दिल्ली/न्यूयॉर्क/इस्लामाबाद। भारत ने कश्मीर घाटी में जारी हिंसा में पाकिस्तान की भूमिका को लेकर आज उसे साफ तौर पर चेतावनी देते हुए कहा कि उसका जम्मू-कश्मीर से कोई लेना-देना नहीं है,यह भारत का आंतरिक मामला है और वह इससे दूर रहे।
भारत ने कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर के सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के मसले को पाकिस्तान द्वारा संयुक्त राष्ट्र में उठाए जाने पर यह कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पाकिस्तान की दूत मलीहा लोदी ने बुरहान को कश्मीरी नेता बताते हुए उसके मारे जाने को हत्या करार दिया था।
भारत ने कहा कि पाकिस्तान ऐसा देश है जो दूसरों की जमीन पर कब्जा जमाना चाहता है, आतंकवाद को नीतिगत तौर पर इस्तेमाल करता है और संयुक्त राष्ट्र की सूची में शामिल आतंकवादियों को पनाह देता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने पाकिस्तान सरकार द्वारा इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त गौतम बम्बावाले को 11 तारीख को सौंपे गए विरोध पत्र के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि भारतीय उच्चायुक्त ने उस पत्र को उसी वक्त खारिज कर दिया था और कहा था कि यह भारत का आंतरिक मामला है और पाकिस्तान को उसके बारे में बोलने या दखलंदाज़ी करने का कोई हक नहीं है।
स्वरूप ने पाकिस्तान पर आतंकवादियों को पालने-पोसने और बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि आतंकवाद सिर्फ आतंकवाद है। पाकिस्तान चाहे कितनी भी दलीलें दे ले और इस मामले के अंतरराष्ट्रीयकरण की कोशिश कर ले पर उससे हकीकत नहीं बदल सकती है।
प्रवक्ता ने कहा कि सारी दुनिया जानती है कि दक्षिण एशिया में कौन सा देश दूसरे देश की जमीन पर लालची निगाह रखता है,आतंकवाद को राष्ट्र नीति के रूप में इस्तेमाल करने के साथ ही संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादियों एवं उग्रवादी समूहों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है तथा मानवाधिकारों का उल्लंघन करता है।
उन्होंने कहा कि जहां तक बातचीत का सवाल है कि भारत पाकिस्तान के साथ बातचीत से कभी नहीं हिचकिचाया है। हालांकि यह पाकिस्तान पर निर्भर करता है कि वह उपयोगी संवाद के लिए सही माहौल बनाए क्योंकि संवाद एवं आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते।
इस बीच, अमेरिका ने आज कहा कि भारत और पाकिस्तान को कश्मीर समेत सभी मुद्दे बातचीत के जरिए हल करने चाहिए। उसने साथ ही पाकिस्तान पर जोर दिया कि वह पड़ोसी देशों को निशाना बना रहे आतंकवादी समूहों समेत सभी आतंकवादी गुटों के खिलाफ कार्रवाई करे और उन्हें पनाह देना बंद करें।
अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता मार्क सी टोनर ने आज नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा,"हम भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत होते देखना चाहते है। हम चाहते हैं कि कश्मीर में भी संघर्ष खत्म हो। हमारी नीति में बदलाव नहीं हुआ है।"
उधर संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने दोनों देशों के बीच बढ़ती तकरार के मद्देनजर मध्यस्थता की पेशकश की है। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने श्री मून के भारत तथा पाकिस्तान के बीच शांति के लिए मध्यस्थता प्रयास की जानकारी दी लेकिन साथ ही कहा कि यह तभी संभव है जब दोनों पक्ष महासचिव से इस संबंध में अनुरोध करेंगे।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कल मानवाधिकार पर एक कार्यक्रम में कहा कि पाकिस्तान वहीं देश है जो मानवाधिकार हनन के अपने लंबे रिकार्ड की वजह से मानवाधिकार परिषद की सदस्यता हासिल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन जुटाने में विफल रहा है।
उन्होंने कहा, पाकिस्तान ऐसा देश है कि जो आतंकवादियों का गुणगान करता है और संयुक्त राष्ट्र की सूची में शामिल आतंकवादियों को पनाह देता है। वह ऐसा देश है जो मानवाधिकारों और आत्म निश्चय के लिए समर्थन जुटाने के प्रयासों का ढोंग करता है।
गौरतलब है कि बुरहान के मारे जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच आरोप-प्रत्यारोपों का सिलसिला जारी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बुरहान की मौत को मानवाधिकार उल्लंघन करार दिया है और सेना प्रमुख राहील शरीफ ने भी उसके मारे जाने की निंदा की है।
घाटी में शुक्रवार को कर्फ्यू रहेगा : जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों ने कहा कि शुक्रवार को पूरे कश्मीर घाटी में ऐहतियात के तौर पर कर्फ्यू रहेगा। अधिकारियों का कहना है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है। एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि जिलाधिकारियों ने अपने संबंधित क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाने के आदेश गुरुवार की शाम जारी किए और यह आदेश सुबह से प्रभावी होगा।
प्रवक्ता ने कहा कि आपाताकालीन स्थितियों को छोड़कर किसी भी वाहन को सड़कों पर उतरने की अनुमति नहीं होगी। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अफवाह फैलने से रोकने के लिए मध्य रात्रि तक मोबाइल टेलीफोन नेटवर्क निलंबित रहेगा। (वार्ता)