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Paper Leak : बिहार पुलिस को NTA से संदर्भ प्रश्न पत्र मिले, आरोपियों का हो सकता है ‘नार्को टेस्ट’

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

पटना/देवघर , शनिवार, 22 जून 2024 (23:33 IST)
NEET controversy : बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) से नीट-यूजी 2024 के संदर्भ प्रश्न-पत्र प्राप्त किए हैं, जिनकी पिछले महीने पटना में तलाशी के दौरान एक फ्लैट से बरामद किए गए कागजातों से तुलना की जाएगी। नीट-यूजी की जांच सीबीआई करेगी।
पुलिस ने कहा कि वे इस मामले में आरोपियों का ‘नार्को टेस्ट’ और ‘ब्रेन मैपिंग’ कराने की संभावना भी तलाश रही है। सूत्रों ने बताया कि ईओयू के अधिकारियों ने शनिवार को दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और अन्य संबंधित शाखाओं के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अपनी जांच से जुड़े मामले के कुछ तथ्यात्मक पहलुओं पर चर्चा की।
बिहार पुलिस ने इस मामले के सिलसिले में झारखंड के देवघर जिले से 6 लोगों को हिरासत में लिया है। ईओयू के एक सूत्र ने बताया कि हमने पिछले महीने जांच शुरू करने के बाद एनटीए से संदर्भ प्रश्नपत्र मांगे थे। आखिरकार उन्होंने कार्रवाई की। हम इन प्रश्नपत्रों का मिलान पिछले महीने पटना के एक फ्लैट से जब्त किए गए आंशिक रूप से जले हुए प्रश्नपत्रों से करेंगे। यह काम इन दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच से पहले किए जाने की संभावना है।
पुलिस मामले में गिरफ्तार सभी आरोपियों के कॉल रिकॉर्ड का भी विश्लेषण कर रही है और उसके आधार पर और लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। सूत्र ने कहा कि अधिकारियों समेत कुछ ऐसे व्यक्तियों को भी स्पष्टीकरण के लिए बुलाया जाएगा, जो कुछ राजनेताओं से जुड़े हैं।
 
बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को कहा था कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अनुरोध करेंगे कि वह मुख्य संदिग्ध के राजद नेता तेजस्वी यादव से जुड़े अधिकारियों के साथ संदिग्ध संबंधों की सीबीआई जांच की सिफारिश करें। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए यादव ने कहा कि दो अन्य गिरफ्तार आरोपियों के साथ भाजपा के 'संबंधों' की भी जांच होनी चाहिए।
ईओयू के एक अन्य सूत्र ने बताया कि ईडी इस मामले की जांच धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कर सकती है। सूत्र ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी अपराध से अर्जित आय की पहचान करने और आरोपियों या संदिग्धों की संपत्तियों को कुर्क करने की कार्यवाही शुरू कर सकती है।
 
इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) अभयानंद ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि नीट-यूजी 2024 परीक्षा में गंभीर अपराध किए गए हैं। प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि पेपर लीक हुआ था... अब तक एकत्र किए गए साक्ष्य भी पेपर लीक होने का संकेत देते हैं। मामले की जांच पीएमएलए के प्रावधानों के तहत की जानी चाहिए क्योंकि इसमें काला धन शामिल है।
 
ईओयू ने बिहार के कुछ और निजी व्यावसायिक कॉलेजों की भूमिका की भी जांच शुरू कर दी है, जिन पर कथित तौर पर नीट परीक्षा में वास्तविक अभ्यर्थियों की ओर से ‘सॉल्वर’ (प्रश्नपत्र हल करने वाला) भेजने का आरोप है।
 
सीबीआई के पूर्व निदेशक अनिल सिन्हा ने कहा कि देश में तेजी से बढ़ रहे कोचिंग सेंटरों पर रोक लगाने की जरूरत है, क्योंकि इनमें से ज्यादातर का संचालन बेईमान और आर्थिक रूप से शक्तिशाली लोगों कर रहे हैं... उनमें योग्यता की कमी है और वे गलत तरीकों से व्यवस्था को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं।
 
अनिल सिन्हा के सीबीआई प्रमुख रहते हुए एजेंसी ने मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाले की जांच की थी। उन्होंने लोक परीक्षाओं में पेपर लीक और धोखाधड़ी को रोकने के लिए एक सख्त कानून अधिसूचित करने के केंद्र के फैसले का स्वागत किया।

ईओयू के एक सूत्र ने बताया कि मामले में गिरफ्तार आरोपी पूछताछ के दौरान परस्पर विरोधी बयान दे रहे हैं या बयान बदल रहे हैं। सूत्र ने बताया कि अधिकारी ब्रेन मैपिंग और नार्को-विश्लेषण जांच कराने पर विचार कर रहे हैं। ये वैज्ञानिक परीक्षण जांचकर्ताओं को कुछ नए सुराग दे सकते हैं।
 
एक सूत्र ने कहा कि यह संदेह है कि निजी कॉलेजों या संस्थानों से जुड़े परीक्षा केंद्रों के अधिकारियों की मिलीभगत से असली परीक्षार्थियों की जगह ‘सॉल्वरों’ को परीक्षा देने की अनुमति दी गई थी। जांचकर्ताओं को यह भी संदेह है कि अधिकारियों को रिश्वत दी गई थी ताकि एक 'अयोग्य उम्मीदवार' रणनीतिक रूप से एक 'प्रतिभाशाली डमी परीक्षार्थी' के बगल में बैठ सके।
 
सूत्रों ने बताया कि नालंदा जिले में कुछ संदिग्धों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चलाया गया। इस बीच, बिहार पुलिस ने शुक्रवार रात मामले के सिलसिले में झारखंड के देवघर जिले से छह लोगों को हिरासत में लिया।
 
एसडीपीओ (देवघर सदर) ऋत्विक श्रीवास्तव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “बिहार पुलिस ने हमें सूचना दी। हमारी पहचान के आधार पर उन्हें हिरासत में लिया गया। सभी संदिग्धों को बिहार ले जाया गया है।”
 
एनटीए ने 5 मई को नीट-यूजी का आयोजन किया था, जिसमें करीब 24 लाख परीक्षार्थियों ने हिस्सा लिया था। इसके नतीजे चार जून को घोषित किए गए, लेकिन उसके बाद बिहार समेत कुछ राज्यों में प्रश्नपत्र लीक होने और अनियमितताओं के आरोप लगने शुरू हो गए।

सीबीआई करेगी जांच : शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, पांच मई को आयोजित नीट-यूजी में अनियमितताओं के कुछ मामले सामने आए हैं। परीक्षा प्रक्रिया के संचालन में पारदर्शिता के लिए यह निर्णय लिया गया कि मामले को व्यापक जांच के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया जाए।

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