Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

नेपाल ने एफएम रेडियो के जरिए शुरू किया भारत विरोधी दुष्प्रचार

हमें फॉलो करें नेपाल ने एफएम रेडियो के जरिए शुरू किया भारत विरोधी दुष्प्रचार
, सोमवार, 22 जून 2020 (00:32 IST)
पिथौरागढ़। भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को नेपाली भूभाग बताने वाले अपने दावे को मजबूत करने के लिए नेपाल अब भारत के साथ लगती सीमा के पास अपने एफएम रेडियो चैनलों के जरिए भारत विरोधी दुष्प्रचार कर रहा है।

सीमा के पास रह रहे भारतीय गांवों के निवासियों का कहना है कि नेपाली चैनलों द्वारा प्रसारित गीत आधारित या अन्य कार्यक्रमों के बीच में भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा क्षेत्रों को वापस किए जाने की मांग करने वाले भारत-विरोधी भाषण दिए जा रहे हैं।

जिले के धारचूला सबडिवीजन के दांतू गांव की निवासी शालू दताल ने बताया, कुछ नेपाली एफएम चैनलों ने हाल में नेपाली गीतों के बीच में भारत विरोधी भाषण चलाना शुरू किया है। चूंकि सीमा के दोनों तरफ के लोग नेपाली गाने सुनते हैं, इसलिए वे उनके बीच में प्रसारित किए जा रहे नेपाली नेताओं के भारत विरोधी भाषणों को भी सुनते हैं।

दताल ने बताया कि नेपाली गीतों के बीच में भारत विरोधी भाषणों का प्रसारण करने वाले प्रमुख चैनल नया नेपाल और कालापानी रेडियो हैं।उन्होंने कहा, कुछ पुराने चैनल जैसे मल्लिकार्जुन रेडियो और वेबसाइटस जैसे अन्नपूर्णा डॉट ऑनलाइन भी कालापानी को नेपाली भूभाग बताते हुए खबरें दे रहे हैं।

ये सभी एफएम चैनल नेपाल में धारचूला जिला मुख्यालय के पास चाबरीगर में स्थित हैं। इन एफएम चैनलों की रेंज तीन किलोमीटर तक की है, जो भारत में धारचूला, बलुआकोट, जौलजीबी और कालिका शहरों में सुने जा सकते हैं।

पिथौरागढ़ की पुलिस अधीक्षक प्रीति प्रियदर्शिनी ने कहा, हमारे पास ऐसी कोई सूचना नहीं है। इस विषय पर हमें अपनी खुफिया इकाइयों से कोई खबर नहीं मिली है।धारचूला के सर्किल अधिकारी वीके आचार्य ने भी इस मसले पर अपनी अनभिज्ञता जताई और कहा कि खुफिया तंत्र से नेपाल द्वारा चलाए जा रहे भारत विरोधी दुष्प्रचार के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।

व्यास घाटी के एक प्रमुख स्थानीय नेता अशोक नबियाल ने कहा कि भारत-नेपाल सीमा पर सक्रिय भारतीय खुफिया एजेंसियों को स्थिति का संज्ञान लेना चाहिए, जिससे नेपाल के भारत विरोधी दुष्प्रचार का मुकाबला किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि नेपाली संसद ने हाल ही में एक नए आधिकारिक मानचित्र को मंजूरी दी है जिसमें कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को नेपाली भूभाग के रूप में दर्शाया गया है।(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

ब्रिटेन के रीडिंग शहर में आतंकी हमला, 3 लोगों की मौत