नई दिल्ली। नए सेना प्रमुख मुकुंद नरवणे ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद कड़े शब्दों में पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि आतंकवाद नहीं रोका गया तो भारत पास आतंकवादी अड्डों को ध्वस्त करने का अधिकार है।
सेना की ऑपरेशनल तैयारियों पर जोर देते हुए बिपिन रावत के उत्तराधिकारी नरवणे ने कहा कि मेरा मुख्य फोकस आर्मी को किसी क्षण किसी भी खतरे का सामना करने के लिए तैयार करना होगा। पाकिस्तान पर परोक्ष निशाना साधते हुए कहा कि पड़ोसी देश हमारे खिलाफ छद्म युद्ध चला रहा है और वह इससे इंकार भी करता है। हालांकि यह सब कुछ ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकता।
उल्लेखनीय है कि जनरल नरवणे को सितंबर में सेना उपप्रमुख नियुक्त किया गया था। इससे पहले वह सेना की पूर्वी कमान का नेतृत्व कर रहे थे, जो चीन के साथ लगती भारत की लगभग 4,000 किलोमीटर सीमा की निगरानी करती है। वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्य अकादमी के कैडेट रहे हैं। उन्हें जून 1980 में सिख लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट की सातवीं बटालियन में कमीशन मिला था।
नए सेना प्रमुख ने 37 वर्ष की सैन्य सेवा के दौरान जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में शांतिकाल तथा अत्यधिक सक्रिय आतंकवाद रोधी स्थितियों में कई कमान और स्टाफ नियुक्तियों पर काम किया है। वह जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स और पूर्वी मोर्चे पर एक पैदल सेना ब्रिगेड की कमान भी संभाल चुके हैं।
जम्मू और कश्मीर में विशिष्ट नेतृत्व के लिए जनरल नरवणे को ‘सेना पदक’ (विशिष्ट) से सम्मानित किया गया था। उन्हें नागालैंड में असम राइफल्स (उत्तर) के महानिरीक्षक के रूप में अपनी सेवाओं के लिए ‘विशिष्ट सेवा पदक’ और प्रतिष्ठित स्ट्राइक कोर की कमान संभालने के लिए ‘अति विशिष्ट सेवा पदक’से भी नवाजा जा चुका है।