नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) में सम-विषम योजना को शर्तों के साथ लागू करने के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए सोमवार को याचिका दायर की।
इससे पहले दिल्ली सरकार के सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील के नहीं पहुंचने पर न्यायाधिकरण ने फटकार लगाई थी। दिल्ली के परिवहन मंत्री ने शनिवार को एनजीटी के फैसले पर पुनर्विचार के लिए याचिका दायर करने की घोषणा की थी, किंतु सुनवाई के दौरान सरकार के वकील के नहीं पहुंचने पर न्यायाधिकरण ने फटकार लगाते हुए कहा था कि क्या सरकार हमारे पास आएगी या फिर मंत्री ने केवल मीडिया के लिए ही बयान जारी किया है।
पुनर्विचार याचिका में दिल्ली सरकार ने न्यायाधिकरण के उस फैसले, जिसमें सम-विषम के दौरान दुपहिया और महिलाओं को छूट नहीं देने की बात कही गई है, समीक्षा करने का अनुरोध किया है।
शनिवार को सुनवाई के दौरान एनजीटी ने सम-विषम के दौरान दुपहिया, महिलाओं और सरकारी कर्मचारियों को छूट नहीं देने की शर्त लगाई थी। इसके बाद दिल्ली सरकार ने आज से पांच दिन के लिए शुरू की जानी वाली इस योजना को फिलहाल रोक दिया था।
दिल्ली में करीब 60 लाख दुपहिया वाहन है। एनजीटी के आदेश के अनुसार सम-विषम शुरू किया जाता तो 30 लाख दुपहिया सड़कों पर नहीं आते। इससे सार्वजनिक परिवहन के मुख्य साधन मेट्रो रेल सेवा और दिल्ली परिवहन पर बोझ अधिक बढ़ जाता और सड़कों पर यातायात को लेकर अफरातफरी मचने की प्रबल आशंका व्यक्त की जाने लगी थी।
इस बीच दिल्ली सरकार के श्रम मंत्री गोपाल राय ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूरा मंत्रिमंडल पर्यावरणविदों से संपर्क साधे हुए हैं और प्रदूषण की स्थिति पर बराबर नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि ट्रकों की आवाजाही और निर्माण कार्यों पर रोक पर नजर रखे हुए हैं। राय ने कहा कि सरकार चाहती है कि दुपहिया वाहनों और महिलाओं को सम-विषम के दौरान छूट दी जानी चाहिए। (वार्ता)