नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पवित्र अमरनाथ गुफा में जयकारे और प्रसाद पर रोक लगा दी है। इस आदेश के बाद बाबा भोलेनाथ की पवित्र गुफा में धार्मिक रस्मों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसका सीधा सा मतलब ये निकला कि गुफा के दर्शनार्थी श्रद्धालु अब न तो 'बम-बम भोले' के नारे और 'जय बाबा बर्फानी' के जयकारे नहीं लगा सकेंगे। वे गुफा में प्रसाद तक नहीं ले जे सकेंगे।
एनजीटी ने दक्षिण कश्मीर हिमालय में स्थित अमरनाथ गुफा श्राइन की पर्यावरण-संवेदनशीलता को बनाए रखने के लिए इसे ‘सालइलेंस जोन’ घोषित कर दिया और प्रवेश बिंदु से आगे धार्मिक रस्मों पर रोक लगा दी। एनजीटी ने कहा कि गुफा श्राइन के आसपास ‘सालइलेंस जोन’ घोषित होने से हिमस्खलन को रोकने में मदद मिलेगी और इसकी प्राचीन प्रकृति को बनाए रखा जा सकेगा।
एनजीटी का मानना है कि भक्तों के जयकारे और नारों से पर्यावरण को खतरा है। इससे हिम स्खलन होने की आशंका बनी रहती है। नए फरमान के बाद पवित्र गुफा में बाबा अमरनाथ के हिम शिवलिंग के दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालु भीतर मंत्रों का जाप भी नहीं कर सकेंगे। यही नहीं, वे अपने साथ मोबाइल फोन तक नहीं ले जा सकेंगे।
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि अमरनाथ श्राइन बोर्ड को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि तीर्थयात्रियों को समुचित ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए ताकि वे स्पष्ट दर्शन करने से वंचित न रहे और क्षेत्र का पारिस्थितिकी तंत्र बना रहे। अमरनाथ गुफा दक्षिण कश्मीर हिमालय में 12,756 फुट की ऊंचाई पर स्थित है और इसे हिन्दुओं का एक पवित्र स्थान समझा जाता है।
एनजीटी के आदेश के बाद तीखी प्रतिक्रिया मिली है। श्रद्धालुओं का कहना था कि यह सब हिंदुओं की आस्था पर सीधा सीधा निशाना है। यहां पर इतना शोर नहीं होता कि हिमस्खलन हो। यह सीधे सीधे बाबा अमरनाथ पर खतरे की घंटी का संकेत देता है। एनजीटी हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ है। इस फैसले को वापस लेना होगा।
हालांकि इस आदेश के बाद भी एनजीटी 18 जनवरी को सुनवाई करेगा। सनद रहे कि एनजीटी ने वैष्णोदेवी मंदिर के मामले में भी एक आदेश दिया था। एनजीटी ने एक दिन में 50 हजार लोगों के माता के मंदिर में प्रवेश करने का फरमान जारी किया था। दलील ये दी गई थी कि मंदिर की इमारत की क्षमता इतने ही श्रद्धालुओं की है लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी के फैसले पर रोक लगा दी थी।
विहिप ने कहा एनजीटी का प्रतिबंध ‘तुगलकी फतवा’: विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने अमरनाथ गुफा श्राइन के प्रवेश बिंदु से आगे धार्मिक रस्मों पर प्रतिबंध संबंधी एनजीटी के आदेश को ‘तुगलकी फतवा’ बताते हुए कहा कि हिन्दू पृथ्वी पर प्रत्येक पारिस्थितिक समस्या के लिए जिम्मेदार नहीं है।
विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने कहा, ‘हम भारत सरकार से हर बार एक या अन्य कारण से हिन्दू धर्म की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाने की अपील करते है। एनजीटी को इस तरह का तुगलकी फतवा वापस लेना चाहिए।’