नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप केस में शुक्रवार को पटियाला हाइस कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अब निर्भया के दोषियों को फांसी के फैसले पर अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद होगी।
सुरक्षा कारणों से चारों दोषियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया। सुनवाई के दौरान निर्भया के वकील ने कहा कि फांसी की तारीख तय होनी चाहिए। दया याचिका का डेथ वारेंट जारी होने का कोई लेना देना नहीं है। इसके लिए डेथ वारेंट को नहीं रोका जा सकता।
कोर्ट में जज ने कहा कि मुझे सुप्रीम कोर्ट से जानकारी मिली है कि अक्षय की पुनर्विचार याचिका को स्वीकार कर लिया गया है और वहां इस पर 17 दिसंबर को सुनवाई होगी।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार किया जा रहा है। अब इस मामले में 18 दिसंबर को सुनवाई होगी।
पीड़िता की मां की तरफ से पेश हुए वकील ने प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ के समक्ष इस मामले का जिक्र किया और इस मामले के एक दोषी अक्षय कुमार सिंह की पुनर्विचार याचिका का विरोध किया। इस पुनर्विचार याचिका पर 17 दिसंबर को तीन न्यायाधीशों वाली पीठ सुनवाई करेगी।
उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल नौ जुलाई को तीन अन्य दोषियों की पुनर्विचार याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि वर्ष 2017 की सजा पर पुनर्विचार करने का कोई आधार नहीं है।
गौरतलब है कि 16-17 दिसंबर 2012 की दरमियानी रात दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में छह लोगों ने 23 वर्षीय एक छात्रा का सामूहिक बलात्कार किया था। बर्बरता के बाद उसे सड़क पर फेंक दिया था। बर्बर हमले की शिकार छात्रा को निर्भया नाम दिया गया था। उसने 29 दिसंबर को सिंगापुर के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया था।