नई दिल्ली। नरेन्द्र मोदी सरकार में हुए एक बड़े फेरबदल के बाद रक्षा जैसे अहम मंत्रालय में पहुंचीं निर्मला सीतारमण ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर अपनी प्रोन्नति का श्रेय दैवीय कृपा और पार्टी नेतृत्व को दिया है। वे उन 4 कनिष्ठ मंत्रियों में एक हैं जिन्हें प्रोन्नत कर कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।
शपथ ग्रहण करने के बाद उन्होंने कहा कि कोई ऐसा शख्स, जो छोटे शहर से आया हो, पार्टी नेतृत्व के समर्थन से आगे बढ़ा हो और यदि उसे ऐसी जिम्मेदारी दी जाती है तो कभी कभी ऐसा महसूस होता है कि कहीं न कहीं दैवीय कृपा तो है अन्यथा यह संभव नहीं होता।
जब उनसे वाणिज्य मंत्री के तौर पर उनके कामकाज की विपक्ष द्वारा आलोचना किए जाने के बारे में पूछा गया तो भाजपा नेता ने कहा कि उन्हें आलोचनाओं से न तो परहेज है और न ही वे उससे डरती हैं।
उन्होंने कहा कि हर आलोचना एक संदेश है और हमें उससे सीखना होता है। मुझे आलोचनाओं से न तो परहेज है और न ही मैं उससे डरती हूं, लेकिन निश्चित ही उनसे संदेश लेती हूं।
उन्होंने कहा कि आलोचना वाकई आपके कामकाज को नुकसान नहीं पहुंचाती बल्कि यदि आप ऐसे सुधारों, जो अमलयोग्य हों, को स्वीकार करने के लिए तैयार रहते हैं तो आपका कामकाज बेहतर ही होता है। सीतारमण ने वाणिज्य मंत्रालय की 'स्टार्टअप इंडिया', 'मेक इन इंडिया' जैसी कई पहलें भी गिनाईं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के सहयोग से मंत्रालय में 'स्टार्टअप इंडिया', 'मेक इन इंडिया' जैसी कई चीजें हुईं। 'मेक इन इंडिया' के बारे में कुछ गलतफहमियां हैं लेकिन उसका जवाब दे दिया जाएगा। सीतारमण पहले वाणिज्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थीं। (भाषा)