नई दिल्ली। नरेन्द्र मोदी सरकार ने 20 लाख के पैकेज में से शुक्रवार को कृषि क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 1 लाख करोड़ रुपए की घोषणा की। निर्मला सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस की मुख्य बिन्दु...
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कृषि क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 1 लाख करोड़ रुपए।
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सब्जी उत्पादकों को भंडारण के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी।
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शहद उत्पादन से किसानों को मिलेगी अतिरिक्त आय।
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मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपए की योजना।
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डेयरी इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 15 हजार करोड़ रुपए।
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पशु टीकाकरण के लिए 13 हजार 347 करोड़ रुपए खर्च होंगे। करीब 53 करोड़ मवेशियों को होगा फायदा।
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डेयरी प्रोजेक्ट के लिए निजी निवेश को बढ़ावा देगी सरकार।
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गंगा किनारे हर्बल खेती का प्लान।
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प्रधानमंत्री मत्स्य योजना के तहत मछली पालन के लिए 20 हजार करोड़।
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11 हजार करोड़ रुपए मछली पालन के लिए।
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9 हजार करोड़ मछली पालन इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए।
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सूक्ष्म खाद्य इकाइयों के लिए 10 हजार करोड़ रुपए।
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10 हजार करोड़ का क्लस्टर प्लान, यूपी में मैंगो क्लस्टर बनाया जाएगा।
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केसर, मिर्ची, मखाना, हल्दी के लिए क्लस्टर।
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बिहार में मखाना क्लस्टर एवं कश्मीर में केसर क्लस्टर बनाए जाएंगे।
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आंध्र में मिर्च एवं तेलंगाना में हल्दी के लिए क्लस्टर बनाए जाएंगे।
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डेयरी के लिए ब्याज में 2 प्रतिशत की छूट।
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फसल बीमा योजना के लिए 64000 करोड़।
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2 करोड़ किसानों को ब्याज में सब्सिडी दी गई।
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2 करोड़ किसानों को 5 हजार करोड़ का लाभ दिया।
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न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए 17 हजार 300 करोड़ रुपए दिए।
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किसान क्रेडिट कार्ड के लिए 2 लाख करोड़ रुपए।
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कृषि क्षेत्र में 85 प्रतिशत योगदान छोटे एवं मझोले किसानों का।
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वित्तमंत्री ने कहा- लॉकडाउन के दौरान भी किसान काम करते रहे।
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2 माह में किसानों के खाते में डाले गए 18 हजार 700 करोड़ रुपए जमा किए।
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लॉकडाउन में 74 हजार 300 करोड़ की फसल खरीदी गई।
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आज होगा कृषि, पशुपालन के लिए एलान। पैकेज की तीसरी किस्त में होंगे 11 एलान।