Nitin Gadkari on road accidents : केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को लोकसभा में कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को लेकर भारत का रिकॉर्ड इतना गंदा है कि उन्हें विश्व सम्मेलनों में मुंह छिपाना पड़ता है। उन्होंने सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि उनके मंत्रालय के तमाम प्रयासों के बावजूद सड़क हादसों में कमी नहीं आई, बल्कि इसमें वृद्धि हो गई।
गडकरी ने कहा कि जब तक समाज का सहयोग नहीं मिलेगा, मानवीय व्यवहार नहीं बदलेगा और कानून का डर नहीं होगा, तब तक सड़क हादसों पर अंकुश नहीं लगेगा। उन्होंने कहा कि देश में सड़क हादसों की संख्या लगातार बढ़ रही है और हर साल 1.7 लाख से अधिक लोगों की मौत ऐसी दुर्घटनाओं में हो जाती है। इतने लोग न लड़ाई में मरते हैं, न कोविड में मरते हैं और न ही दंगे में मरते हैं।
उन्होंने कहा कि मैं विश्व सम्मेलनों में जाता हूं तो मुंह छिपाता हूं। दुर्घटनाओं का सबसे गंदा रिकॉर्ड हमारा है। उन्होंने सांसदों से अपने स्तर पर सड़क हादसों को रोकने के लिए प्रयास करने और परिवहन विभाग के सहयोग से स्कूलों आदि में जागरुकता कार्यक्रम आयोजित कने की भी अपील की।
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने नीति आयोग की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि सड़क हादसों के शिकार 30 प्रतिशत लोगों की मौत जीवन रक्षक उपचार नहीं मिल पाने के कारण होती है। उन्होंने कहा कि इसलिए उपचार के लिए कैशलैस योजना लाई गई है। उत्तर प्रदेश में इस पायलट परियोजना की शुरुआत हो रही है, इसके बाद पूरे देश में लागू की जाएगी।
केंद्रीय मंत्री ने भारत में ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया में जहां आसानी से ड्राइविंग लाइसेंस मिलता है, उस देश का नाम भारत है। हम इसमें सुधार कर रहे हैं।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों से कहा कि वे सड़क हादसों को रोकने के लिए प्रयास करें और समाज को जागृत करने का काम करें।
edited by : Nrapendra Gupta