नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी विपक्ष जोड़ो मुहिम के तहत मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, माकपा नेता सीताराम येचुरी और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला से मुलाकात की। नीतीश ने केजरीवाल के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की साथ ही लंच भी उन्हीं के साथ किया। मेदांता अस्पताल में भर्ती मुलायम सिंह यादव से भी नीतीश का मिलने का कार्यक्रम है।
नीतीश और केजरीवाल की मुलाकात करीब डेढ़ घंटे चली। दिल्ली मुख्यमंत्री निवास पर हुई इस मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने लंच भी साथ ही किया। हालांकि इस मुलाकात के बाद नीतीश बिना मीडिया से बात किए चले गए।
बहुत शुक्रिया नीतीश जी : इस मुलाकात के बाद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा- मेरे घर पधारने के लिए नीतीश जी का बहुत-बहुत शुक्रिया। देश से संबंधित कई गंभीर विषयों पर चर्चा हुई - शिक्षा, स्वास्थ्य, ऑपरेशन लोटस, इन लोगों (भाजपा) द्वारा खुले आम MLA की ख़रीद फ़रोख़्त करके जनता द्वारा चुनी सरकारों को गिराना, भाजपा सरकारों का बढ़ता निरंकुश भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोज़गारी।
मैं पीएम पद का दावेदार नहीं : माकपा कार्यालय में पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी से मुलाकात करने के बाद कुमार ने कहा कि यह समय वाम दलों, कांग्रेस और सभी क्षेत्रीय दलों के साथ आकर एकजुट विपक्ष का गठन करने का है। उन्होंने कहा कि ना तो वे प्रधानमंत्री पद के दावेदार हैं और ना ही इसके लिए इच्छुक हैं।
कुमार ने कहा कि मेरे माकपा के साथ पुराने एवं लंबे संबंध हैं। आप सभी ने नहीं देखा होगा, लेकिन मैं जब भी दिल्ली आता हूं इस कार्यालय में जरूर आता हूं। आज फिर हम सब एकसाथ हैं। हमारा पूरा ध्यान सभी वाम दलों, क्षेत्रीय दलों, कांग्रेस को एकजुट करने पर है। हम सभी के साथ आने के बड़े मायने होंगे।
प्रधानमंत्री बनने की उनकी महत्वाकांक्षाओं पर किए गए सवाल पर उन्होंने कहा कि यह गलत है। मैं ना तो उस पद का दावेदार हूं और ना ही इसको लेकर इच्छुक हूं। वहीं, येचुरी के अनुसार, कुमार की विपक्ष में वापसी और भाजपा के खिलाफ लड़ाई का हिस्सा बनने की उनकी इच्छा भारतीय राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव है।
विपक्ष को एकजुट करना मकसद : उन्होंने कहा कि पहली बात तो मकसद विपक्षी दलों को एकजुट करने का है प्रधानमंत्री उम्मीदवार का चयन करने का नहीं। जब समय आएगा, हम प्रधानमंत्री पद का दावेदार चुनेंगे और आपको बताएंगे। कुमार ने सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख एच. डी. कुमारस्वामी से मुलाकात की थी।
आरसीपी का नाम सुनकर भड़के : नीतीश पूर्व केंद्रीय मंत्री और अपने पुराने साथी आरसीपी सिंह का नाम सुनते ही भड़क गए। नाराज नीतीश ने यहां तक कह दिया कि जिस आदमी को मैं राजनीति में लेकर आया और पार्टी में भी पद दिया। उसी व्यक्ति ने विरोधी दलों के साथ मिलकर मेरे खिलाफ साजिश की। बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि आरसीपी एक आईएएस अधिकारी थे। मैंने उन्हें अपना निजी सचिव बनाया और बाद में राजनीति में भी लाया।