नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष को लामबंद करने का मिशन शुरू किया है। दिल्ली में नीतीश कुमार ने राहुल गांधी, शरद पवार, अरविंद केजरीवाल, मुलायम सिंह जैसे बड़े नेताओं से मुलाकात की। नीतीश ने कहा कि वे सोनिया गांधी से भी मिलेंगे। नीतीश विपक्ष के रथ पर सवार होकर मोदी को सीधी टक्कर देना चाहते हैं।
इन नेताओं से मुलाकात के बाद नीतीश ने कहा कि 2024 का चुनाव बहुत अच्छा होगा। 2024 में मेन फ्रंट चुनाव लड़ेगा। उनकी मुलाकातों पर भाजपा ने कहा कि वे पीएम बनने के सपने देख रहे हैं इसलिए इस मिशन में जुटे हुए हैं। भाजपा के इन बयानों पर नीतीश ने कहा कि वे न तो प्रधानमंत्री पद के दावेदार हैं और न ही इसके लिए इच्छुक हैं बल्कि उनका मकसद भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करना है।
नीतीश कुमार भले ही प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने के कयासों को लगातार खारिज कर रहे हों, लेकिन उनकी पार्टी के भीतर इस बात को लेकर आवाज उठ रही है कि कुमार अपने विशाल अनुभव और साफ-सुथरी छवि के कारण विपक्षी नेतृत्व की कमान संभालने के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार हैं।
हालांकि इस एकजुटता में अभी से फूट भी नजर आ रही है। 25 सितंबर को हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) की होने वाली रैली में नीतीश कुमार शामिल होंगे। पार्टी के नेता अभय चौटाला ने कहा कि इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार, नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के वरिष्ठ नेता प्रकाश सिंह बादल, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव तथा मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को रैली में शामिल होने का न्योता दिया है। रैली में कांग्रेस को छोड़कर विपक्षी दलों के कई नेताओं को आमंत्रित किया गया है।
हालांकि राजनीतिक गलियारों में यह भी माना जा रहा है कि नीतीश की मुलाकातों से विपक्षी कितने पास आए, यह इस रैली में आने वाले नेताओं की संख्या से पता चल जाएगा। हालांकि 2024 में अभी करीब डेढ़ साल से ज्यादा का वक्त है और राजनेता किस करवट बैठ जाएं, कहा नहीं जा सकता।